साहित्य समागम के अंतिम सत्र में दिल्ली की लेखिका डॉ नूतन पांडे(Dr. Nutan Pandey) ने कहा कि आज की महिलाएं बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है आज महिलाएं लिख रही हैं लेकिन उन्हें अपने दायरे से ऊपर उठकर लिखना होगा जो कुछ अच्छा लिखा जा रहा है उसकी सराहना की जानी चाहिए। हालांकि आजकल महिला लेखन को दैहिक स्पर्श के साथ जोड़ा जा रहा है लेकिन इसका कोई स्थाई महत्व नहीं है यह सिर्फ सनसनी है ऐसी रचनाएं हमें भटका रही है।
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हम क्या लिख रहे हैं यह भी हमें देखना चाहिए उन्होंने कहा कि महिला लेखन को आलोचना से नहीं डरना चाहिए हालांकि आज लेखन के विषय बदल गए हैं आज की पीढ़ी को सुखद माहौल मिल रहा है उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष में कहीं द्वंद नहीं है उन्हें अलग-अलग नहीं नहीं करना चाहिए।
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न्यूज़ पोर्टल घमासान डॉट कॉम की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से साहित्य और समाज के क्षेत्र में जागरूकता आ रही है आने वाले समय में अंतर्राष्ट्रीय महिला साहित्य समागम नए कीर्तिमान स्थापित करेगा और इस कार्यक्रम की गूंज पूरे विश्व में होगी।