मध्यप्रदेश मानसून से अब जल्दी ही राहत मिलने वाली है, लेकिन अभी भी कई जगहों पर बाढ़ ने विशाल रूप ले लिया है जिससे नदियां उफान पर है। लेकिन सबसे हैरानी की बात भी है कि इतनी जगहों पर हुई बारिश के बावजूद भी कई जगहों पर सूखे की स्थिति निर्मित है। तो कहीं स्थानों पर मानसून का कहर अभी भी जारी है। मौसम विभाग ने कई जिलों में अलर्ट जारी किया है। हालांकि इस वर्ष अब मानसून का सीजन जल्दी ही समाप्त हो जाएगा। ऐसा होने से 2023 में पानी की कमी भी हो सकती है। क्योंकि इस वर्ष मानसून में बारिश पूर्व के मुकाबले कम हुई है और 2022 में मानसून ने जल्दी ही विदाई ले ली है। लेकिन अभी भी कई मध्यप्रदेश के स्थानों पर मूसलाधार बारिश का दौर जारी जारी है। जिससे कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई।
इन स्थानों पर बने बाढ़ के हालात
मध्यप्रदेश में कई जगहों पर भारी बारिश का कहर जारी है। जिससे उत्तर में यूपी से लेकर दक्षिण में केरल तक बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है। जिसके बाद मौसम विभाग ने आगामी दिनों के हालात को देखते हुए चेतावनी जारी की है। उत्तर पश्चिमी व मध्य भारत मे कम बारिश हो सकती है। लेकिन बताया जा रहा है कि आगामी 4 दिनों तक दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत, उप- हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत मे भारी मूसलाधार बारिश की होने की उम्मीद जताई है। मौसम विभाग ने वाराणसी में अगले 5 दिनों तक लगातार बारिश का पूर्वानुमान लगाया है, वाराणसी में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ की स्थितिनिर्मित हो गई हैं।
मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, केरल, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, बिहार, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम, मिजोरम, मेघालय, नगालैंड, मध्य महाराष्ट्र, गोवा, कोंकण में हल्की से मध्य बारिश हो सकती हैं। इसके साथ ही बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है। तो वहीं गुजरात, पूर्वी राजस्थान, जम्मू कश्मीर, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की बारिश होने का अनुमान है। केरल में भारी बारिश का कहर लगातार जारी है जिसके बाद मौसम विभाग ने तमिलनाडु, तेलंगाना, रायलसीमा , केरल, लक्षद्वीप में कई जगहों पर गरज चमक के साथ झमाझम बारिश हो सकती है। इसको देखते हुए 14 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
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निर्मित हो सकती है सूखे की स्थिति
मौसम विभाग के मुताबिक देश के पूर्वी व उत्तर पूर्वी राज्यो में इस वर्ष बारिश कम हुई है जिससे सूखे की स्थिति निर्मित हो सकती है। लेकिन उत्तर पश्चिम भारत में मानसून की गतिविधि आने वाले 4 दिनों तक कम रहेगी। यह भी बात सामने आ रही है कि पहले के मुकाबले इस बार मानसून का मौसम जल्दी ही समाप्त हो जाएगा, क्योंकि जुलाई- अगस्त में पूर्व के मुकाबले इस बार कई स्थानों पर वर्षा कम रही। अगस्त में पूर्व के मुकाबले इस वर्ष वर्षा कम हुई है और सितंबर महीना बारिश का आखरी महीना है। अगर सितंबर में अच्छी बारिश हो जाए तो अगले साल सूखे की समस्या नही आएगी। इस वर्ष कई जगहों पर मानसून में अच्छी बारिश नहीं हो पाई है, जून व जुलाई माह में भी कम वर्षा दर्ज की गई। लेकिन मानसून का आखिरी महीना सितंबर में अच्छी बारिश होने की उम्मीद लगाई जा रही हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई जिले बाढ़ की चपेट में
भारी बारिश के चलतेएक ओर जहां नदियां उफान पर है तो वहीं उत्तर प्रदेश के 18 जिले बाढ़ की चपेट में आगए है। बांध से पानी छोड़े जाने के बाद कुछ इलाकों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। इससे रहवासियों को पलायन करना पड़ रहा है। तो वही बाढ़ से फसलों को भी नुकसान हुआ है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में झमाझम बारिश के बाद कई जगहों पर स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन प्रदेश के 12 जिलों में 959 गांव के करीब 2,31,026 लोग इससे प्रभावित हुए हैं।