Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार रात लखनऊ के जेपी एनआईसी सेंटर पहुंचे। दरअसल, वह लोकनायक जय प्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां आना चाहते थे, लेकिन इससे पहले ही प्रशासन ने मुख्य गेट को सील कर दिया।
Uttar Pradesh: सरकार पर आरोप
अखिलेश यादव ने इस पर सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस इमारत को बेचना चाहती है। उन्होंने कहा कि गेट को सील करने का कदम इसलिए उठाया गया ताकि लोग श्रद्धांजलि नहीं दे सकें। सपा प्रमुख ने इस घटना को लोकतंत्र के खिलाफ एक प्रयास बताया।
पिछले साल का अनुभव
अखिलेश यादव ने यह भी याद दिलाया कि पिछले साल भी उन्हें जेपीएनआईसी में प्रवेश नहीं मिला था, जिसके बाद उन्होंने वहां हंगामा किया था। इस बार, उन्होंने 8 फीट ऊंचे गेट से कूदकर मूर्ति पर माल्यार्पण किया।
लोकनायक की जयंती पर सियासत तेज
गौरतलब है कि 11 अक्टूबर को लोकनायक जय प्रकाश नारायण का जन्मदिन है, और इस अवसर पर राजनीति गरमाई हुई है। प्रशासन ने गेट को टिन शेड लगाकर बंद कर दिया था, जिससे अखिलेश यादव को श्रद्धांजलि देने में रुकावट आई।
सोशल मीडिया पर सियासी बयान
अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने लिखा कि गेट बंद करने का उद्देश्य जनता को श्रद्धांजलि अर्पित करने से रोकना है। उन्होंने इसे बीजेपी की बंद सोच का प्रतीक बताया।
स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति अपमान
सपा प्रमुख ने आगे लिखा कि भाजपा स्वतंत्रता सेनानियों, जैसे जय प्रकाश नारायण के प्रति दुर्भावना रखती है। उनका कहना था कि जिन लोगों ने देश की आजादी के लिए संघर्ष नहीं किया, वही लोग क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने में असमर्थ हैं।
सुरक्षा कारणों का हवाला
इससे पहले, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने एक पत्र जारी किया, जिसमें जेपीएनआईसी में अखिलेश यादव के दौरे को लेकर सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया। पत्र में कहा गया कि साइट पर निर्माण सामग्री फैली हुई है और वहां कई दुर्घटनाओं की संभावना है, इसलिए यह स्थल सपा प्रमुख के लिए सुरक्षित नहीं है। इस घटनाक्रम ने यूपी की सियासत में नई गर्मी पैदा कर दी है।