विधानसभा में हरदा हादसे पर हंगामा, तलघर में अवैध रूप से रखा था बारूद, कांग्रेस ने जांच पर उठाए सवाल

Meghraj
Published on:

6 फरवरी को मध्य प्रदेश के हरदा शहर से एक दर्दनाक खबर सामने आयी थी। हरदा की पटाखा फैक्ट्री में आग की वजह से करीब 12 मौत और 200 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर सामने आयी है। इस हादसे में फैक्ट्री के आस-पास के कई घरों और मकानों में आग लगने की खबर है। गंभीर घायलों को इंदौर और भोपाल के अस्पतालों में रैफर किया गया था। बताया जा रहा है कि ज्यादातर घायलों को अब अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है।

हरदा में पटाखा फैक्ट्री को लेकर अब काफी खुलासे हो रहे है। एक रिपोर्ट के मुताबिक फैक्ट्री के चार लाइसेंस थे। मगर विस्फोटक नियम 2008 के नियम 126 के मुताबिक फैक्ट्री में गोडाउन मात्र भूस्थल पर ही बन सकता है। मगर इस नियम के विरुद्ध जाकर मालिक ने विस्फोटक सामग्री को तल मंजिल या ऊपरी मंजिल पर भी रखा है। जिसके चलते यह हादसा और ज्यादा बड़ा हो गया है। माना जा रहा है कि इस फैक्ट्री में कुल 15 टन बारूद था।

इसके साथ मध्यप्रदेश विधानसभा में आज बजट सत्र का तीसरा दिन है। इस दौरान पक्ष और विपक्ष में हरदा हादसे को लेकर काफी बहस हुई है। इस बहस के दौरान हरदा के विधायक आरके दोगने ने कहा कि यदि सरकार जल्दी कोई निर्णय नहीं लेती है तो हरदा के लोगों को भोपाल लाकर प्रदर्शन करेंगे। सीएम मोहन यादव ने इस हादसे की जाँच को लेकर समिति गठित की है। इसके साथ ही उन्होंने हरदा के कलेक्टर और एसपी को हटा कर नए कलेक्टर और एसपी को नियुक्त किया है।

आज यानी शुक्रवार सुबह हरदा के नए कलेक्टर आदित्य सिंह ने पटाखा फैक्ट्री पहुंचकर वहां का निरीक्षण कर अधिकारियों से जानकारी ली। इसी बीच इस हादसे के बाद कांग्रेस नेता लगातार इसका विरोध कर रहें हैं। कांग्रेस नेत्री अवनि बंसल अपने समर्थकों के साथ पटाखा फैक्ट्री के सामने धरने पर बैठ गई। हालाँकि, वह अधिकारियों से जाँच के आदेश के बाद धरने से उठ गई। अवनि का कहना है कि हादसे को तीन दिन हो चुके हैं। लगातार यहां जेसीबी से मलबा हटाया जा रहा है। ऐसे ही जेसीबी चलती रही तो कई साक्ष्य नष्ट हो जाएंगे।