इंदौर मेट्रो अब यात्रियों के संकट से गुज़र रही है। पहले सप्ताह जहाँ फ्री यात्रा थी, वैसे ही दूसरे सप्ताह से जैसे ही टिकट लगना शुरू हुआ यात्रियों ने इससे दुरी बना ली। अब हर सप्ताह यह रियायत कम होती जा रही है और इसी के साथ यात्री मिलना भी दूभर हो गया है। कुल मिलाकर मेट्रो का क्रेज और मोह दोनों ख़त्म होते दिख रहे हैं। कुल 21 दिन में करीब पौने 2 लाख यात्री सफर कर चुके हैं।
इस तरह कम होते गए यात्री
वर्चुअल उद्घाटन के बाद पहले सप्ताह में 31 मई से 7 जून के बीच फ्री राइड में 1.43 लाख यात्री पहुंचे थे। वहीँ दूसरे सप्ताह जब 75 फीसदी रियायत के साथ टिकट दर 5 व 8 रूपए लगने लगी तो यह संख्या 8 से 14 जून के बीच एकदम से घटकर मात्र 36 हज़ार रह गई थी। अब तीसरे सप्ताह और भी बुरा हाल हुआ है। जब टिकट दर 50 फीसदी की रियायत के साथ 10 और 15 रूपए हुआ तो 16 से 21 जून के बीच यह संख्या मात्र 15947 रह गई।

पिछले एक सप्ताह में 16 हजार यात्री पहुंचे
मेट्रो में पिछले एक सप्ताह में पहुँचने वाले यात्रियों की बात करें तो कुल 15947 यात्री पहुंचे हैं। वहीँ शुरू के एक सप्ताह की बात करें तो इस दौरान कुल 1 लाख 43 हज़ार 301 यात्री मिले थे। जो की बीते एक सप्ताह में मिले यात्री का 10 गुना है। वहीं, 21 जून तक कुल 1 लाख 95 हज़ार 303 यात्रियों ने इसमें सफर किया।
अब रविवार 22 जून से नई टिकट दर
मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MPMRCL) ने इंदौर मेट्रो की संचालन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया है। अब मेट्रो की सवारी रविवार से और महंगी होगी और रियायत मात्रा 25 फीसदी रहेगी। यह तीन सप्ताह तक रहेगी और फिर फुल टिकट लगेगा। अब तक यात्रियों को मेट्रो सेवा के लिए कम दरों पर यात्रा की सुविधा मिल रही थी, लेकिन परिचालन लागत और विकास परियोजनाओं को ध्यान में रखते हुए किराया बढ़ाया गया है।