मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित महानदी भवन में आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभागों की कार्यप्रगति की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने छात्रावास एवं आश्रम प्रबंधन हेतु एक नए डिजिटल पोर्टल का लोकार्पण किया। साथ ही, शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रदेश के आश्रम-छात्रावासों के संचालन की नई व्यवस्था के अंतर्गत जुलाई से सितंबर तक की शिष्यवृत्ति और भोजन सहायता की पहली किश्त के रूप में ₹85 करोड़ की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया गया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि विशेष पिछड़ी जनजातियों और आदिवासी समुदाय के हर व्यक्ति तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के जीवन स्तर में सुधार लाना, उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और विकास की मुख्यधारा से जोड़ना सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातीय समुदाय की भलाई को लेकर प्रतिबद्ध हैं और उनके समग्र विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। केंद्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आवास जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने हेतु कई योजनाएं चला रही है।

शिविरों के माध्यम से ज़रूरी दस्तावेज़ बनवाने पर ज़ोर
पीएम जनमन और धरती आबा जैसी प्रमुख योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को मुख्यमंत्री साय ने सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएम जनमन योजना के तहत स्वीकृत आवास एवं सड़कों के निर्माण कार्यों को तय समयसीमा में और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने पर जोर दिया। साथ ही, इस योजना के तहत आयोजित शिविरों के माध्यम से लाभार्थियों के आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और जाति प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेजों की निरंतर तैयारी जारी रखने के निर्देश भी दिए।
बनेंगे आधुनिक छात्रावास
आश्रम-छात्रावासों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त नए छात्रावास बनाए जाएं। उन्होंने पेयजल, शौचालय, बिस्तर और अन्य मूलभूत सुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। निरीक्षण के दौरान लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रावासों में बच्चों को समान सुविधाएं मिलनी चाहिए और निगरानी के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को लागू किया जाए।