आज है पौष शुक्ल पूर्णिमा तिथि, इन बातों का रखें ध्यान

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आज सोमवार, पौष शुक्ल पूर्णिमा तिथि है।
आज पुनर्वसु नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
-( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

-आज व्रत की पूर्णिमा है।
-आज से माघ स्नान प्रारम्भ।
-प्रयाग में आज से 1 मास का कल्पवास शुरू।
– स्वप्न में सर्प दिखाई देने पर शिवलिंग पर 45 दिनों तक चन्दन लगाकर दूध, मिश्री चढ़ाएं और शिव पञ्चाक्षर मन्त्र का जप या स्तोत्र का विधिवत नियमित पाठ करने से लाभ होता है।
-पूजा घर में मोर पंख युक्त श्रीकृष्ण भगवान की मूर्ति की पूजा प्रतिदिन करना चाहिए।
-नाग पूजा में धूप, अगरबत्ती का धुआं एवं दीप का प्रयोग नहीं होना चाहिए। नाग पूजा में चन्दन, इत्र, कपूर का प्रयोग उचित है।
-राहु अरिष्ट निवारण हेतु शनिवार को सायंकाल या रात्रि में या राहु काल में प्रातः 9:00 से 10:30 बजे के बीच निम्न वस्तुओं का दान करना चाहिए –
-सरसों तेल, सीसा, काला तिल, काला कम्बल, प्रतीक स्वरूप छोटी तलवार (चाकुनुमा), नीला वस्त्र, गोमेद, कपूर, चन्दन, काला या नीला फूल, नीला कपड़ा, अभ्रक, मसूर की दाल कोढ़ी को दान करें या शिव मन्दिर में चढ़ाएं।
-राहु अरिष्ट निवारण हेतु नवनाग स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
-नवनाग स्तोत्र-
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्भनाभं च कम्बलम्।
शंखपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातः काले विशेषत:।।