आज रविवार, पौष शुक्ल चतुर्दशी तिथि है। आज आर्द्रा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है।
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
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-आज पौष रविवार सूर्य व्रत है।
-चित्रकूट धाम में कामदगिरि की 5 किलोमीटर लम्बी परिक्रमा नंगे पैर करने की प्रथा है।
-व्रत का अर्थ भूखे रहना नहीं होता, आहर पर संयम करना होता है।
-यदि आपके पास शील (चरित्र) है तो आपके पास सदैव धर्म, सत्य, सदाचार, बल और लक्ष्मी रहेगी।
-शीलं परं भूषणम्। शील (चरित्र) के बल पर ही मान्धाता ने एक दिन में, जनमेजय ने 3 दिनों में और नाभाग ने 7 दिनों में इस पृथ्वी का राज्य प्राप्त कर लिया था।
-भविष्य पुराण के उत्तर पर्व में व्रत ही व्रत (लगभग सम्पूर्ण व्रत) का विशेष वर्णन है।
-भगवान राम – सीता के विवाह उत्सव का अनुकरण – स्मरण करने से घर में विवाह मङ्गलमय हो जाता है।
-चारों भाइयों के विवाहोपलक्ष्य में राजा दशरथ ने कामधेनु के समान 4 लाख गाय ब्राह्मणों को दान दी थी।
-रामराज्य के समय अयोध्या में कोई भी व्यक्ति व्रत विहीन नहीं था।
-पुत्र नहीं होने के कारण राजा दशरथ ने कई वर्षों तक श्रृंगार नहीं किया था।
-जीव को शुद्ध करने के लिए ही सोलह संस्कार की आवश्यकता होती है।
-कृष्ण अवतरण के समय पूरा संसार निद्रा में था। सिर्फ तीन जागृत अवस्था में थे – वसुदेव, देवकी और आकाश में चन्द्रमा।
-राम अवतरणके समय वशिष्ठ जी ने जब पहली बार शिशु राम को देखा तो वे वेद मन्त्र तक भूल गए थे।
दिनांक 16 जनवरी 2022, रविवार
-विक्रम संवत् 2078, शक संवत् 1943
-पौष शुक्ल चतुर्दशी रात्रि 03:27 बजे तक, पश्चात पूर्णिमा तिथि
-इन्दौर का सूर्योदय : प्रातः 07:12 बजे
-इन्दौर का सूर्यास्त : सायं 06:01 बजे
-अयन : उत्तरायन
-ऋतु : शिशिर
-नक्षत्र : आर्द्रा रात्रि 02:52 बजे तक, पश्चात पुनर्वसु
-योग : ऐन्द्र अपराह्न 04:24 बजे तक, पश्चात वैधृति योग
-राहुकाल : स्थानीय समयानुसार अपराह्न 04:30 से 06:00 बजे तक
-दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
-पौष रविवार सूर्य व्रत है।
कल सोमवार 17 जनवरी 2022 के व्रत – पर्व – उत्सव
-पूर्णिमा व्रत।
-माघ स्नान प्रारम्भ।
-प्रयाग में एक मास का कल्पवास प्रारम्भ।
विजय अड़ीचवाल