Motivational Story : महिलाओं के बारें में अक्सर आपने सुना होगा अगर उनके मन में कुछ करने का जूनून सवार हो जाता है तो वह एक ना एक दिन अपनी मंजिल जरूर हासिल कर लेती है. इसी बात को सच कर दिखाया है एक महिला डॉक्टर ने जो 79 साल की उम्र में भी पढ़ाई करने के लिए काफी उत्सुक नजर आती है. उनका कहना है कि डॉक्टर होते हुए भी अब उनको IIT की पढाई कर अपने मुकाम को हासिल करना है.
दरअसल, हम बात कर रहे है नई दिल्ली की डॉ. सरोज चूड़ामणि गोपाल की जिन्होंने अपने करियर को आगे में बढ़ाने के लिए कई मिथों को तोड़ा और अपना हौसला बरक़रार रखा. डॉ. सरोज बताते है कि डॉक्टर बनने के लिए उन्होंने परिवार की रूढ़िवादी सोच बदली और सोच बदलने में सफलता भी हासिल की. इतना ही नहीं सबकी सोच बदलते हुए अपने हौसले को बनाए रखने वाली डॉ. सरोज 79 वर्ष की उम्र में भी अपनी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए जी जान से तैयार है.
हैरानी की बात परन्तु यह है कि जिस उम्र में लोग नौकरियों से रिटायर होकर घर में आराम करते है. उस उम्र में यह महिला डॉक्टर नए सफर के साथ अब IIT की पढाई करेगी. जानकारी के मुताबिक पद्मश्री डॉ. सरोज चूड़ामणि गोपाल ने आईआईटी कानपुर के पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन लिया है, जो असंख्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है.
कई अवॉर्ड्स से हो चुकी हैं सम्मानित
बता दे कि पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित डॉ. सरोज ने अपने शानदार करियर में कई नई तकनीकों के साथ बाल चिकित्सा सर्जरी विकसित की हैं. इतना ही नहीं उन्होंने गरीबों के लिए इलाज को सुलभ बनाने के लिए कम खर्च वाले ट्रीटमेंट भी तैयार किए हैं. जो गरीबों के लिए काफी उपयोगी साबित हुए है. इसके अलावा डॉ. सरोज ने हाइड्रोसेफेलस के लिए नया स्टेंट और बच्चों के लिए ह्यूमिडिफायर भी काफी सस्ते दाम में उपलब्ध करवाया है.