पणजी: गोवा में होने वाले विधानसभा चुनाव में यूं भले ही भाजपा से लेकर कांग्रेस जैसी पार्टियों के उम्मीदवार जोर आजमाईश कर रहे हो लेकिन अभी यहां के राजनीतिक इतिहास उठाकर देखा जाए तो जितने भी नेता गोवा की राजनीति के मैदान में है उनमें से नब्बे प्रतिशत रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े हुए है। यहां ऐसा भी कहा जाता है कि गोवा में रियल एस्टेट वाला ही नेता है।
तीस विधायक जुड़े हुए है इस कारोबार से –
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोवा में मौजूदा 40 विधायकों में से तीस विधायक ऐसे है जो रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े होकर करोड़ों के आसामी है। अब ऐसी स्थिति में गोवा की राजनीति में यदि किसी का सिक्का चलता ही है तो निश्चित ही वह पैसा और पैसे वालों का ही होगा। कहा तो यह भी जाता है कि रियल एस्टेटियों का जाल राजनीति में ऐसा बिछा हुआ है कि अन्य सामान्य राजनेताओं की हिम्मत ही नहीं होती है कि वह सक्रिय राजनीति में आकर अपने दांव पेंच खेले।
बिल्डर्स खेलते है जमीनों का खेल
गोवा शहर की देश विदेश में अपनी पहचान है और यहां विदेशी पर्यटकों का भी तांता हमेशा ही लगा रहता है। लेकिन एक बात संभवतः हर किसी को पता नहीं होगी कि गोवा में खेती में काम आने वाली जमीनों को बेचा नहीं जा सकता है, बावजूद इसके यहां के बिल्डर्स नेताओं से मिलकर खेती की जमीनों का खेल खेलते है। बताया यह भी जाता है कि बिल्डरों के नेताओं के साथ घरेलू संबंध होते है तथा बिल्डर्स ही नेताओं के साथ मिलकर खेती की जमीनों को व्यावसायिक जमीनों के रूप में परिवर्तित करा लेते है। बताया यह जाता है बिल्डर्स किसानों को चार से पांच हजार रूपए प्रति स्क्वेयर मीटर का भाव देते है और बाद में यही भाव पांच से सात लाख तक हो जाता है और बिल्डर्स वारे न्यारे हो जाते है। वैसे गोवा में खेती की जमीनों के रेट्स दो सौ से तीन सौ रूपए स्क्वेयर मीटर बताए जाते है।