विकृत होती युवा पीढ़ी की मानसिकता और बेबस आंखे मूंदे बैठा समाज

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मैं बहुत व्यथित और दुखी होकर यह पोस्ट लिख रहा हूँ :

हाल ही मे सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखने मे आया जिसमें पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद एक वाहन चालक अपने बेगैरत, अभद्र और शर्मनाक कार्य की माफी मांगता हुआ दिखाई पड़ रहा है, ध्यान से देखने पर स्पष्ट नजर आता है कि इस वाहन की नंबर प्लेट पर सुधार से पहले लिखा था “Louder then U R G.F. Last Night” लाउडर देन यूअर गर्ल फ्रेंड लास्ट नाईट, इस अभद्र वाक्य की भाषा और मन्तव्य सम्पूर्ण नारी जाति के लिए अपमान सूचक है,

पहली नजर में तो मुझे लगा कि मुझसे पढ़ने मे कोई गलती हुई है कोई भारतीय युवा ऐसा कैसे अपनी गाड़ी पर इस तरह की भाषा लिखवाकर इंदौर जैसे संस्कृतिक मर्यादा रखने वाले शहर मे खुले आम घूम सकता है, मेरी नजर में यह सिर्फ यातायात नियमों के उल्लंघन का ही मामला नहीं है बल्कि यह महिला सम्मान के विरुद्ध किया गया एक घनघोर आपराधिक कृत्य है इसको हमारे एक बड़े राजनेता के उचाव “लड़के है लड़को से गलती हो जाती है” की तरह मानकर अनदेखा नही किया जाना चाहिए।

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यह नवयुवाओं की विकृत होती मानसिकता का चिंताजनक और छुपा हुआ वह पहलू है जो इस तरह समाज के सामने आया है, यह आंखे खोल देने वाली शर्मनाक घटना सम्पूर्ण शहर और समाज के लिए एक गंभीर संदेश है कि आज के माता पिता, शिक्षण संस्थान, परिवार, समाज और मित्र युवा होते किशोरों को कैसी शिक्षा और संस्कार दे रहे है। यह संभव ही नही कि इस नंबर प्लेट पर इस बालक के माता पिता और परिजनो की नजर ना पड़ी हो, आसपास रहने वालों की नजर ना पड़ी हो,

वो जिस भी शिक्षण संस्थान मे पढ़ने जाता होगा या जिस संस्थान में काम करने जाता होगा वहाँ के शिक्षको या जिम्मेदार लोगों कि नजर मे भी यह जरूर आया होगा और तो और जब यह गाड़ी सड़कों पर खुलेआम घूमती थी तब भी ना जाने कितने लोगों की नजरों ने यह वाक्य पढ़ा होगा। लेकिन अधिक चिंता करने वाली बात यह है कि इस अभद्र भाषा में लिखे अश्लील और घृणित वाक्य को पढ़कर किसी को शर्म महसूस ना हुई, किसीको गुस्सा नहीं आया, किसी सुधी नागरिक ने इस बात का संज्ञान नही लिया, किसी समाज सुधारक ने उस युवा को समझाने का प्रयास नही किया, ऐसा प्रतीत होता है कि सबने इसका छुपा आनंद लिया।

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खतरा सामने दिखाई पड़ रहा है कि यही विकृत मानसिकता वाले युवा आगे चलकर यौन अपराधी बन सकते है। समय आ गया है कि अब समाज के कर्णधारों को जागना ही होगा और हमारी युवा पीढ़ी और अधिक बर्बाद ना हो इस बारे मे सबको मिलकर निरंतर और प्रभावी उपाय करने होंगे। माता पिता और पालको को सचेत रहना होगा और सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी से यह निरंतर देखना होगा कि उनके नौनिहाल, लाडले पुत्र किस तरह की परवरिश पा रहे है, किस तरह की संगत मे रह रहे है।

गुरुजनों को सोचना होगा कि उनकी शिक्षा इस पीढ़ी को किस ओर ले जा रही है। महिलाओ को भी संकोच त्याग कर अधिक मुखर होना होगा, उनको इस तरह की घटनाओ को तुरंत ही पुलिस के संज्ञान मे लाना चाहिये और जिम्मेदार लोगो से यह आग्रह करना चाहिए कि वो इस तरह की घृणित हरकतों पर लगाम लगाए।

मै इंदौर शहर की जागरूक और संवेदनशील पुलिस को धन्यवाद देना चाहूँगा कि उनकी यातायत प्रबंधन टीम जो एक अत्यंत योग्य ऑफिसर DCP महेशचंद जैन के कुशल नेतृत्व मे बिना किसी दबाव मे आए अपना कर्तव्य पालन करती है और इस तरह से राह भटके हुए युवाओं को सही राह दिखाने का प्रशंसनीय कार्य करती है।

यह हम सभी के लिए एक बहुत बड़ा सबक है कि आज का यह नादानी में अंजाम दिया गया, एक खेल जैसा लगने वाला कृत्य, आगे चलकर भयावह रूप धारण कर सकता है, हम सब अपनी आंखे खुली रखें और इस तरह के खराब स्लोगन लिखे अन्य वाहनो की जानकारी पुलिस को कार्यवाही हेतु भेजें, यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चो को समुचित समझाईश देऔर इस पीढ़ी को पूरी तरह से बर्बाद होने से बचाए।

जय हिंद ।