NavIC GPS : ISRO के रास्ते से हटी आखिरी कील, आम लोगों को जल्द मिलेगा स्वदेशी GPS

Share on:

NavIC GPS: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम, “नाविक” (NavIC – Navigation with Indian Constellation), को अब आम नागरिकों के लिए उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है। अभी तक यह प्रणाली केवल रक्षा और रणनीतिक उद्देश्यों के लिए उपलब्ध थी, लेकिन अब इसे स्मार्टफोनों के माध्यम से जनता के लिए सुलभ किया जाएगा। इस कदम से भारत को अपना खुद का जीपीएस (Global Positioning System) सिस्टम मिलेगा, जो अन्य वैश्विक नेविगेशन प्रणालियों की तुलना में अधिक सटीकता प्रदान करेगा।

NavIC GPS: भारत का स्वदेशी GPS सिस्टम

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के अध्यक्ष पवन गोयनका ने बताया कि ISRO का लक्ष्य 2025 तक सालाना कम से कम 12 उपग्रहों को प्रक्षिप्त करना है। इनमें से सात नए उपग्रहों में एल1 बैंड तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे नाविक के सिग्नल स्मार्टफोनों तक पहुंच सकेंगे। इन उपग्रहों में से एक पहले ही लॉन्च हो चुका है, और बाकी उपग्रह जल्द ही लॉन्च किए जाएंगे।

NavIC GPS: NavIC की खासियत

नाविक प्रणाली, GPS और अन्य वैश्विक नेविगेशन सिस्टमों से अधिक सटीक है। यह पूरे भारत में 10 मीटर से भी अधिक सटीकता से पोजिशनिंग डेटा प्रदान करती है, जबकि भारत के आसपास के 1,500 किलोमीटर के क्षेत्र में इसकी सटीकता 20 मीटर तक होती है। इससे यातायात, यात्रा, आपातकालीन सेवाएं और अन्य आवश्यक कार्यों में बेहतर सटीकता और प्रभावशीलता आएगी।

NavIC GPS: आने वाले बदलाव

भारत सरकार इस प्रणाली को पूरी तरह से नागरिकों के लिए उपलब्ध कराने के साथ-साथ इसके दायरे को भी बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। आने वाले समय में, यदि आपके पास आवश्यक चिपसेट है, तो आप अपने स्मार्टफोन के माध्यम से नाविक के सिग्नल का उपयोग कर पाएंगे। इससे भारत में नेविगेशन और ट्रैकिंग सेवाओं में सुधार होगा, और इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में भी नई संभावनाएं खुलेंगी।