राज्यपाल ने लोगों से ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देने का किया आग्रह, कही ये बात

Shivani Rathore
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इंदौर। हमारा देश विरासत की संपदा से परिपूर्ण है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। हमारी सांस्कृतिक धरोहर से नई पीढ़ी को अवगत कराने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण क़दम होगा। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने आज इंदौर में आयोजित पर्यटन संबंधी कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए यह बात कही। यह हेरिटेज टूरिज़्म कॉन्क्लेव पीएचडी चेंबर ऑफ़ कामर्स एण्डं इंडस्ट्री द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आयुक्त पुरातत्व उर्मिला शुक्ला सहित अरुण श्रीवास्तव, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के अनिल पाराशर, संजीव अग्रवाल, राजन सहगल, शालिनी एस शर्मा सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे।

कॉन्क्लेव का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश न केवल ऐतिहासिक रूप से समृद्ध है बल्कि यहाँ के स्मारक विविध सांस्कृतिक परिदृश्य से परिपूर्ण हैं। यहाँ के त्यौहार जीवंत हैं और पारंपरिक कला और शिल्प में पीढ़ियों का कौशल समाहित है। हमारी सांस्कृतिक संपत्ति आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी और स्थानीय लोगों की आजीविका भी बढ़ाएंगी। कॉन्क्लेव में बताया गया कि विश्व धरोहर समिति के 46वीं बैठक 21 से 31 जुलाई तक नई दिल्ली में होगी। कॉन्क्लेव में लालबाग पैलेस के जीर्णोद्धार पर इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्डम कल्चरल हेरिटेज के इंदौर चैप्टर द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया।

कॉन्क्लेव में संजीव अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश में विरासत पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। यहाँ तीन विश्व धरोहर खजुराहो, साँची और भीम बेटका हैं। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में मध्य प्रदेश में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों पर्यटकों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।