इंदौर में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन की सभी तैयारियां पूर्णता की ओर है। अतिथियों के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। एयरपोर्ट पर आज अतिथियों के आगमन पर उनका ऐसा भव्य और आत्मीय स्वागत किया गया, जिससे कि वे भाव विभोर हो गये। आज इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों ने समीक्षा बैठक ली और कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों को देखा।
ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर आयोजित बैठक में विदेश मंत्रालय के सचिव डॉ.औसाफ सैयद, ज्वाइंट सेक्रेट्री भारत सरकार मनिका जैन,अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्र, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, एमडी एमपीआईडीसी मनीष सिंह, आयुक्त नगर निगम श्रीमती प्रतिभा पाल सहित आयोजन से जुड़े वरिष्ठ अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री मोहम्मद सुलेमान ने तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी तैयारियां लगभग पूर्ण हो गई है। विदेश सचिव सैयद ने तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया।
बताया गया कि भारत के सबसे स्वच्छ राज्य के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में 8 से 10 जनवरी तक 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। 16वां पीबीडी सम्मेलन नई दिल्ली में वर्ष 2021 में वर्चुअल मोड में हुआ था।
पीबीडी सम्मेलन के मुख्य अतिथि को-ऑपरेटिव गणराज्य गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली और सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी विशिष्ट अतिथि होंगे। ऑस्ट्रेलिया की संसद सदस्य, ज़नेटा मैस्करेनहास, दिनांक 8 जनवरी को यूथ प्रवासी सम्मेलन में सम्मानित अतिथि होंगी।
पीबीडी का विषय है “प्रवासी अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार”, इसमें अगले 25 वर्षों में आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और नए भारत के इस दृष्टिकोण को प्राप्त करने में प्रवासी भारतीयों द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भागीदारी की भूमिका शामिल है। इस बार के पीबीडी का इसलिए विशेष महत्व है क्योंकि वर्ष 2023 भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष और भारत के लोगों, संस्कृति और उपलब्धि के गौरवशाली इतिहास को चिह्नित करता है।
पीबीडी सम्मेलन में तीन दिवसीय कार्यक्रम में युवा प्रवासी भारतीय दिवस, उद्घाटन दिवस और समापन दिवस के साथ-साथ विषय-आधारित महत्वपूर्ण सत्र शामिल हैं। पहले दिन 8 जनवरी को युवा प्रवासियों से जुड़ने के लिए युवा प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाएगा। जिसका आयोजन विदेश मंत्रालय एवं युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा किया जायेगा। इसी दिन मध्यप्रदेश द्वारा अर्थ-व्यवस्था, संस्कृति, पर्यटन, प्रौद्योगिकी सेक्टर्स में दिये जा रहे विशेष अवसरों का भी प्रदर्शन किया जायेगा।
दूसरे दिन 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री “आजादी का अमृत महोत्सव (AKAM)- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में डायस्पोरा का योगदान” विषय पर एक डिजिटल प्रदर्शनी का भी उद्घाटन और एक स्मारक डाक टिकट- “सुरक्षित जाएँ, प्रशिक्षित जाएँ” जारी करेंगे। तीसरे दिन 10 जनवरी को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान करने के साथ राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के भाषण के साथ सम्मेलन का समापन होगा।
महत्वपूर्ण विषयों पर होंगे सत्र
प्रवासी भारतीयों के पैनलिस्टों की भागीदारी के साथ पीबीडी सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित सत्र होंगे। सत्र की अध्यक्षता मंत्री स्तर से की जाएगी। सत्रों से प्राप्त निष्कर्ष/सिफारिशें आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ साझा की जाएंगी।
पहले सत्र में 8 जनवरी को नवाचारों और नई प्रौद्योगिकी में प्रवासी युवाओं की भूमिका, दूसरे सत्र में 9 जनवरी को अमृत काल में भारत के हेल्थकेयर इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका: विजन @2047, तीसरे सत्र में 9 जनवरी को भारत की सॉफ्ट पावर का लाभ उठाना- शिल्प, व्यंजन और रचनात्मकता के माध्यम से सद्भावना, चौथे सत्र में 10 जनवरी को भारतीय कार्यबल की वैश्विक गतिशीलता को सक्षम करना – भारतीय डायस्पोरा की भूमिका और पाँचवें सत्र में 10 जनवरी को राष्ट्र निर्माण के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण की दिशा में प्रवासी महिला उद्यमियों की क्षमता का दोहन विषय पर विस्तृत चर्चा होगी।
17वें पीबीडी सम्मेलन को अब तक प्रवासियों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। अब तक 66 देशों से 3200 से अधिक व्यक्तियों ने पंजीकरण कराया है। इस कार्यक्रम में यूएई, मॉरीशस, कतर, ओमान, यूएसए, यूके, बहरीन, कुवैत और मलेशिया सहित कई देशों के बड़े प्रवासी प्रतिनिधि-मंडल भाग लेंगे। मॉरीशस, मलेशिया और पनामा सहित कुछ देशों से मंत्रि-स्तरीय प्रतिनिधि-मंडल सहभागिता करेंगे।