पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को पिछली जुलाई को शिक्षक भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्यवाही को थी। इस दौरान उनको कई अहम सबूत भी मिले थे। इसके बाद से लगातार उन पर कार्यवाही की जा रही है और हिरासत में भी लिया गया है। सोमवार को बिचार भवन में विशेष पीएमएलए अदालत में उनकी पेशी हुई। इस दौरान उनके आंसू छलक उठे थे।
कोर्ट से लगाई गुहार
चटर्जी ने कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि ‘उन्हें जिंदा रहने दिया जाए’। कार्यवाही के दौरान जज विद्युत कुमार रॉय ने पार्थ चटर्जी से पूछा था कि, क्या उन्हें आरोपों के संदर्भ में कुछ कहना है? इस पर पार्थ चटर्जी ने कहा ‘मुझे जमानत से वंचित किया जा रहा है। मैं जांच में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता, लेकिन मुझे जिंदा रहने दिया जाए’।
करोड़ों रुपए की फ्लैट से जप्त
पार्थ को 23 जुलाई को सीबीआई ने गिरफ्तार का लिया था। उसके बाद कार्यवाही करते हुए उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से करोड़ों रुपये जब्त किए गए थे। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार कर लिया था। केंद्रीय जांच एजेंसियों, सीबीआई और ईडी ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। कोर्ट में ईडी के वकील भास्कर प्रसाद बनर्जी ने दलील दी कि अर्पिता मुखर्जी का बयान 19 अक्टूबर को दर्ज किया गया था। इस संबंध में अपराध की आगे की जांच के लिए कार्रवाई हो रही है। साथ ही माणिक भट्टाचार्य से पूछताछ में नए तथ्य भी सामने आए हैं।
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इस मामलें में 350 है गवाह- सीबीआई वकील
सीबीआई वकील शेख कमरुद्दीन ने कोर्ट से कहा कि, पार्थ केस में कम से कम 350 गवाह है। अब तक 10 लोगों से पूछताछ हुई है। इस पर जज ने टिप्पणी की, कि जांच अनंत काल तक नहीं चल सकती है। इस पर सीबीआई से समय सीमा मांगी। अदालत में मौजूद सीबीआई अधिकारी ने कहा कि उन्हें पूछताछ पूरा करने में कम से कम छह महीने लगेंगे। उन्होंने कहा कि हमें हर दिन नए इनपुट मिल रहे हैं और अधिक गिरफ्तारियों से इंकार नहीं किया जा सकता है। आरोपी व्यक्तियों को रिहा करना इस समय जमानत पर रहने से मामले की प्रगति खतरे में पड़ जाएगी।
सीबीआई को सिन्हा के अलावा अन्य संदिग्धों से पूछताछ करने की जरूरत है। सिन्हा के वकील संजीबो दासगुप्ता ने कहा कि वह पिछले 70 दिनों से हिरासत में है और आगे की जांच में उसकी कोई भूमिका नहीं है। साथ ही गवाहों के बयान सीबीआई के पास हैं। सिन्हा को उनके सुनवाई के अधिकार से इनकार किया जा रहा है क्योंकि सीबीआई ने अदालत में कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है। सीबीआई कोर्ट ने चटर्जी समेत सात आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।