Nitinmohan sharma
राजा महाकाल का प्रोटोकॉल कौन तय करेगा?
नितिनमोहन शर्मा पंत प्रधान जी। आप आ रहे है। उज्जयिनी की धरा पर। राजा महाकाल के आंगन में। मृत्युंजय भगवान आशुतोष की शरण मे। उस लोक में आपका आगमन हो
भाजपा की मांडू चिंतन बैठक में और कसाया आरएसएस का शिकंजा
नितिनमोहन शर्मा सौन्दर्य की नदी नर्मदा ओर उसकी प्रेयसी रानी रूपमती के मांडू में भाजपा ने 3 दिन अपनी मातृ संस्था आरएसएस के विचार की घुटी गटकी। सरकार और संगठन
घना जंगल, चुनिंदा नेता, सत्त्ता ओर संगठन का चिंतन मन्थन, बदलाव का नवनीत आएगा बाहर
नितिनमोहन शर्मा घना-घनघोर जंगल। चुनिदा नेता। सत्ता और संगठन का साथ। चिंतन मन्थन। मोबाईल भी बाहर। सब कार्यक्रम भी निरस्त। 10 घन्टे एक जैसे, एक साथ, एक जाजम। सरकार और
अहिल्या नगरी इंदौर आरएसएस का विराट अवतार देखेगी, इस बार 400 से होगा पथ संचलन
नितिनमोहन शर्मा स्वर्णिम जयंती के ठीक पहले अहिल्या नगरी इंदौर आरएसएस का विराट अवतार देखेगी। संघ की शक्ति का ये प्रकटीकरण पथसंचलन के जरिये होगा। इस बार ये पथ संचलन
नारी के लिए हो देवी भाव की दृष्टि, लोकचेतना जागे – नितिनमोहन शर्मा
नव रात। नव विलास। नवरात्रि। भगवती जगदम्बा का पर्व। शक्ति स्वरूपा देवी माँ का प्रकाट्य उत्सव। जगत जननी की आराधना का त्यौहार। एक नही, नों दिन। नोँ रात। घर घर
अब नही गूंजते फिजाओं में संझा बाई के सुमधुर गीत, संझा कब आई-कब बिदा की बेला आई, अब किसे खबर
नितिनमोहन शर्मा। संझा…तू वाकई थारा घर जा। यहां अब किसे समय की तुम कब आई? क्यो आई? और अब जा भी रही? कोई रोक नही रहा तुमको? रोकेगा कैसे? जब
ताईं का सपना साकार, अवधेशानंदजी का मिला साथ
नितिनमोहन शर्मा पूर्व लोकसभा स्पीकर, शहर की 8 बार की सांसद और हम सबकी ताईं सुमित्रा महाजन का एक स्वप्न साकार हो गया। शहर को ताई की अगुवाई में अहिल्या
गौमाता की दुर्दशा Part 2 : हमारी गाय के लिए 20 रुपए नही, राजस्थान को 50 रु. दे रही सरकार
नितिनमोहन शर्मा एमपी अजब है-गजब है। अब ये बात गौमाता के मामले में सामने आई है। गाय के नाम पर सत्ता में आने वाली भाजपा की शिवराज सरकार के पास
चीतों की चिंता – गौमाता बेहाल
नितिनमोहन शर्मा गाय के नाम पर राजनीति का “ठेका” तो भाजपा के पास है लेकिन उसकी चिंता…चीतों को लेकर है। गाय के नाम पर जनमानस को उद्वेलित करने वाली भाजपा
अब प्रायश्चित करें भाजपा
नितिनमोहन शर्मा समय आ गया है। संभल जाइए। वक्त रहते प्रायश्चित शुरू कीजिए। हर उस “उमेश” के लिए जो परिश्रम और पराक्रम के बाद भी हाशिये पर है। पार्टी उसे
राष्ट्रीय शोक में ब्रिज का भूमिपूजन निरस्त किया, कार्यकर्ता की ह्रदय विदारक मौत पर मातम की जगह कार्यक्रम
नितिनमोहन शर्मा देश जिनकी दासता में 200 बरस रहा, उस महारानी एलिजाबेथ के निधन पर मध्यप्रदेश सरकार इंदौर के एक ब्रिज का भूमिपूजन ये कहकर निरस्त कर देती है कि
मजदूरों के परिश्रम, पुरुषार्थ और पसीने से फिर जीवंत हुई मालवा की परंपरा
नितिनमोहन शर्मा। हुजूर, बनेटी घुमा लेने देना जी भरकर। थोड़े कुर्राटे मारने देना। पटेबाजी के करतब दिखा लेने देना। थोड़ा दंड-पट पर खम भी ठोकने देना। उस्ताद खलीफाओं को आदर-अदब
सरकार को याद आई ताई, महाजन की शरण में शिवराज
नितिनमोहन शर्मा अरसे बाद ” सरकार ” को “ताई” याद आई। यू तो ” सरकार” की आवाजाही ताई के शहर में नियमित बनी हुई है लेकिन “सरकार” के पास इतना
दूध में उफ़ान, शहर शांत
नितिनमोहन शर्मा उन लोगो से तो रत्तीभर उम्मीद नहीं, जिन्हें आपने वोट दिया। सता दी। ताकत दी। आस उनसे भी नही जिसे तंत्र कहा जाता है। उन अफ़सरो से तो
विधानसभाओं के प्रभारियों ने भी नही लगाया दम, कल होनी है रवानगी, 4 को दिल्ली में प्रदर्शन
बेतहाशा महंगाई जैसे मुद्दे पर अपने ही दल की अगुवाई में होने जा रहे देशव्यापी आंदोलन के लिए भी कांग्रेस की सुस्ती है कि उड़ने का नाम ही नही ले
4 दिन हुए, अब तक नही हुआ विभागों का बंटवारा, पुष्यमित्र को चाहिए फ्री हैंड
नितिनमोहन शर्मा नए महापौर। नई निगम परिषद। नई महापौर परिषद। कहानी वही पुरानी। पहले एमआईसी को लेकर घमासान। अब विभागों के बटवारें में फिर म्यान से तलवारें बाहर है। नेताओ
तुम बिन नही है कोई भारत का रखवाला
नितिनमोहन शर्मा है मोहन…आपका आगमन हो गया है इस धरा पर। आप आ गए है इस पुण्य भू पर। उसी आर्यावर्त में, जहाँ आपके आगमन ने सदियों से चली आ
दस सदस्यीय एमआईसी को लेकर सियासी बिछात बिछी, नए मोहरों ने बिगाड़े पुराने समीकरण
एमआइसी यानी महापौर परिषद। नगर सरकार का मंत्रिमंडल। दस सदस्यीय इस मंत्रिमंडल के लिए भाजपा में बिसात बिछ चुकी है। विधायको ने मोहरे भी चल दिए है। दल के अंदर
कहा से आई ऐसी नंगाई, मेरा इंदौर तो ऐसा नही था
नितिनमोहन शर्मा मेरा इंदौर तो ऐसा नही था। यहाँ की सु-कुमारिया ऐसी तो कभी नही रही। न यहाँ के युवा। कहा से आया ये बेगैरती का कल्चर? कैसा है ये
कैलाश के लाल बने सभापति
नितिनमोहन शर्मा आखिरकार निगम सभापति के चयन में भी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की ही पसन्द को ही मंजूरी मिली। विजयवर्गीय के खास मुन्नालाल यादव निगम के सभापति