लापरवाही पर सख्त प्रशासन: आईसीयू में मरीजों की भर्ती नहीं कर सकेगा मेदांता हॉस्पिटल

Piru lal kumbhkaar
Updated on:

इंदौर। मेदांता अस्पताल(Medanta Hospital) के आईसीयू में शार्ट सर्किट से आग लगने(Fire in ICU due to short circuit) के बाद जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने जांच के आदेश दिए थे जिसमें प्रारंभिक जांच में कई कमियां मिली।

अब इसे लेकर एक बड़ा आदेश जारी हुआ हैं। आदेश के अनुसार आगामी आदेश तक मेदांता अस्पताल के आईसीयू में मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई हैं। अब आईसीयू की आवश्यकता वाले मरीजों को प्रबंधन उपचार के लिए भर्ती नही कर सकता। आदेश के अनुसार सभी कमियां दूर होने के बाद विभाग एक बार फिर जांच करेंगे, और संतुष्ट होने पर ही अनुमति दी जायेगी।

मेदांता हॉस्पिटल के आईसीयू में लगी आग के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने कल तुरंत एक जांच टीम हॉस्पिटल भिजवाई थी, जिसमे एडीएम पवन जैन, सीएमएचओ डॉ बीएस सेतिया सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे। इस टीम ने मौका मुआयना करने के बाद 24 घण्टे में ही अपना जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को आज सौंप दिया, जिसमें भर्ती मरीजों के परिजनों और हॉस्पिटल स्टॉफ के भी बयान दर्ज किए गए। इस आधार पर कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने मेदांता हॉस्पिटल में जो कमी पाई गई उसके मुताबिक हॉस्पिटल प्रबंधन को पूर्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच दल ने पाया कि आईसीयू के प्रत्येक बेड के लिए अलग-अलग इलेक्ट्रिक सर्किट नहीं लगाए गए और एक ही सर्किट पर अधिक पावर पॉइंट बना दिए और खुली वायरिंग भी मौके पर पाई गई , जबकि मैटेलिक कन्डयूट में से वायरिंग को ले जाना था।

स्विच बोर्ड भी फायरप्रूफ बॉक्स में लगाया जाना था जबकि प्लाईवुड में लगा पाया गया। दुर्घटना के समय एमसीबी भी ठीक से काम नहीं कर रही थी। इन खामियों के चलते ही शार्ट सर्किट से आग लगी, लिहाज़ा हॉस्पिटल प्रबंधन को तकनीकी एक्सपर्ट के माध्यम से उपरोक्त खामियों को दूर करने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही ये भी कहा गया कि तब तक गंभीर मरीजों या ऐसे मरीज जिन्हें आईसीयू की आवश्यकता हो, उन्हें अस्पताल में भर्ती ना किया जाए।

उल्लेखनीय है कि कल 14 बेड के आईसीयू यूनिट में शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी और 10 बेड पर मरीज भर्ती थे, जिसके चलते पूरे हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया और ताबड़तोड़ मरीजों को अन्य फ्लोर पर शिफ्ट किया गया, जैसे ही आगजनी की सूचना कलेक्टर मनीष सिंह को मिली , उन्होंने तुरंत ही मौके पर अधिकारियों को भेजा और जांच शुरू करवाई, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर हॉस्पिटल प्रबन्धन को जरूरी निर्देश जारी किए गए है।