शीतलकुमार ’अक्षय’ ।
कोरोना की तीसरी लहर के कोहराम में देश के पांच राज्यों में चुनाव का बिगूल बज गया है। जिन पांच राज्यों में चुनाव होना है वहां न केवल अब राजनीतिक दल सक्रिय होने की शुरूआत कर देंगे वहीं जनता के साथ भी वादें करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। हालांकि यह बात अलग है कि मौजूदा सरकारों ने जो वादे चुनाव जीतने के पहले किये थे उनमें से अधिकांश वादे पूरे ही नहीं हुए होंगे।
लब्बेलुआब शुरू होने वाले चुनावी माहौल में हास्य कवि अल्हड़ बिकानेरी की कविता यर्थाथ के धरातल का आइना दिखाती है-
मरियल सी जनता को मीठे वादों का जूस पिलाने दो बस एक बार, बस एक बार मुझको सरकार बनाने दों..! कहने का अभिप्राय यह है कि जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है वहां अब वे राजनीतिक पार्टियां भी चुनाव जीतने या सरकार बनाने के ख्वाब देखेगी…..मतदाताओं के पास जाएंगी…अपने उम्मीदवारों को श्रेष्ठ और जनता का सेवक बताएंगी और वादों का मीठा टॉनिक भी पिलाएंगी..!
शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा चुनावी तारीखों का ऐलान करने के बाद संबंधित राज्यों के साथ ही पूरे देश में भी विशेषकर यूपी में होने वाले चुनाव पर नजर रहेगी। यहां के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली अक्सर चर्चा में बनी रही है।
क्या योगी के सिर फिर से मुख्यमंत्री का ताज होगा…
कुछ इसी तरह से चर्चा की शुरूआत हो चुकी है। हालांकि यह तो अभी भविष्य के गर्भ में ही है कि यूपी में उॅट किस करवट बैठेगा…लेकिन इतना भी जरूर है कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए जिस तरह से छटपटा रही है उसे दूर करने के लिए मैदानी ताकत दिखाने का काम भी कांग्रेस हाईकमान की तरफ से होने की शुरूआत हो जाएगी। यूं पूरे देश में कांग्रेस की हालत पतली हो गई है लेकिन यदि पांच में से किसी एकाध में भी कांग्रेस आती है तो कांग्रेस में नए रक्त का संचार होने लगेगा।
चन्नी तो वैसे ही आंखों की किरकिरी हो गए
पंजाब की यदि बात की जाए तो सूबे के मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी अभी वैसे ही बीजेपी के लिए आंखों की किरकिरी बने हुए है। पीएम नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में चूक वाले कांड में चन्नी सरकार को भाजपाई पूरी तरह से बेकफूट पर करने के लिए मेहनत कर रहे थे और इसी बीच आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। यह मौका संभवतः बीजेपी के लिए सोने में सुहागा जैसा ही होगा। पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक होना निश्चित ही देश के सम्मान पर आघात है, परंतु पंजाब की राजनीति के मैदान में इस मामले को बीजेपी चन्नी सरकार को ओर अधिक घेरते हुए मतदाताओं के दिलों दिमाग पर भी सीधा अटैक करेगी…! ऐसा राजनीति के जानकारों का कहना है।