मैदान पर फैसले ही नहीं, मोटी कमाई भी करते हैं अंपायर, जानें कितनी मिलती है फीस ?

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By Abhishek SinghPublished On: April 25, 2025

आईपीएल को दुनिया की सबसे महंगी क्रिकेट लीग के तौर पर जाना जाता है, जहां पैसों की बरसात होती है। इसी वजह से कई लोग इसे मज़ाक में ‘इंडियन पैसा लीग’ भी कह देते हैं। नीलामी के दौरान खिलाड़ियों की जेबें तो भरती ही हैं, लेकिन केवल खिलाड़ी या कोच ही नहीं, अंपायरों को भी इस लीग से शानदार कमाई होती है।

अधिकतर लोगों का ध्यान खिलाड़ियों और कोचों की फीस पर केंद्रित होता है, क्योंकि वे ही खेल का प्रमुख हिस्सा माने जाते हैं। मगर अंपायरों की भूमिका अक्सर अनदेखी रह जाती है, जबकि मैच का संचालन पूरी तरह उनके निर्णयों और निगरानी पर निर्भर करता है। अंपायरों के बिना किसी भी क्रिकेट मुकाबले की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

हर वक़्त रहता है तनाव

मैदान पर फैसले ही नहीं, मोटी कमाई भी करते हैं अंपायर, जानें कितनी मिलती है फीस ?

आईपीएल में अंपायरों को प्रति मैच आकर्षक पारिश्रमिक भले ही मिलता हो, लेकिन इसके साथ उनकी जिम्मेदारी और मानसिक दबाव भी काफी होता है। हर निर्णय में उन्हें अत्यधिक सतर्क रहना पड़ता है, क्योंकि मामूली सी गलती भी भारी आलोचना का कारण बन सकती है। मैदान पर खिलाड़ियों की तीखी प्रतिक्रियाएं उनके लिए अतिरिक्त चुनौती बनती हैं। हालांकि हर सीजन अंपायरिंग पर सवाल जरूर उठते हैं, फिर भी अंपायर प्रयास करते हैं कि वे निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ, दबाव से प्रभावित हुए बिना अपने दायित्व का निर्वहन करें।

कितनी कमाई करते हैं अंपायर?

अंपायर का एक निर्णय पूरे मैच की दिशा बदल सकता है, यही वजह है कि कई बार खिलाड़ी उनके फैसलों पर नाराजगी जाहिर करते हैं। अंपायर मैदान का ऐसा अहम किरदार होता है, जो आमतौर पर तब सुर्खियों में आता है जब कोई विवाद हो, जबकि उसकी मौजूदगी के बिना खेल की हर बारीकी अधूरी रहती है। BCCI घरेलू क्रिकेट में अंपायरों को उनके ग्रेड के अनुसार भुगतान करती है—ग्रेड बी के अंपायर को प्रति दिन ₹30,000 जबकि ग्रेड ए के अंपायर को ₹40,000 दिए जाते हैं।

आईपीएल में अंपायरों की फीस लाखों में होती है, जो उन्हें इस बड़े टूर्नामेंट में अंपायरिंग करने के लिए हमेशा तैयार रखती है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल में मुख्य अंपायर को एक मैच के लिए ₹3 लाख मिलते हैं, जबकि चौथे अंपायर को ₹2 लाख का भुगतान किया जाता है। चौथा अंपायर वह व्यक्ति होता है जो बाउंड्री के बाहर रहता है और मैदान की बाहरी गतिविधियों पर निगरानी रखता है, जैसे बल्लेबाजों के बैट चेक करना और समय पर गेंद बदलने के लिए मैदान पर डिब्बा भेजना।