मणिपुर में हालात तनावपूर्ण, चप्पे-चप्पे पर जवान, इंटरनेट बंद, सरकार ने दिया दंगाईयों को देखते ही गोली मारने का आदेश

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मणिपुर। देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर इस वक्त सुलग रहा है। मणिपुर में बुधवार को भड़की हिंसा के बाद स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि, कई संगठनों ने बुधवार को ‘आदिवासी एकता मार्च’ का आह्वान किया, जिसमें हिंसा भड़क गई। हिंसाग्रस्त इलाकों में धारा 144 लगाई गई। हिंसा पर काबू पाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए हैं।

सरकार की ओर से जारी आदेश में साफ-साफ लिखा है कि प्रशासन विषम परिस्थितियों में ही ऐसा कदम उठाए। हालात को देखते हुए राज्य के कई इलाकों में सेना को तैनात किया गया है। एहतियात के तौर पर मणिपुर में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती जारी रहेगी। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि स्थिति को देखने हुए सेना के 14 बटालियन को स्टैंडबाय पर रखा गया है। नगालैंड से भी अतिरिक्त जवानों को फिर से मणिपुर के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में तैनात किया गया है।

सोशल मीडिया पर हिंसा की कई तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए हैं। राज्य में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। भारतीय सेना ने कहा है कि मोरेह और कांगपोकपी क्षेत्रों में स्थिति अब नियंत्रण में और स्थिर है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मणिपुर संकट पर चिंता जताई है और राज्य की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। वहीं मणिपुर हिंसा की बिगड़ी स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक्‍शन मोड में आ गए हैं।

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अधिकारी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने वीडियो जारी कर लोगों से अपील की है कि शांति के लिए सरकार का सहयोग करें। मणिपुर में हिंसा भड़काने वालों के लिए शूट एंड साइट के ऑर्डर दिए है। मणिपुर में हालात सामान्य करने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद भी ली जा रही है।