महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस खत्म! महाकाल मंदिर से पहले ही मिल गए थे फडणवीस के CM बनने के संकेत

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Devendra Fadnavis : महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहा सियासी तनाव आज समाप्त हो गया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। मुंबई में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी और उन्हें विधायक दल का नेता घोषित किया गया। इस फैसले से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है, और अब यह माना जा रहा है कि जल्द ही फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जाएगी।

महाकाल मंदिर से पहले ही मिल गए थे फडणवीस के CM बनने के संकेत

देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के संकेत महज सियासी नहीं, बल्कि आध्यात्मिक भी हैं। महाराष्ट्र के नए सीएम के रूप में फडणवीस का नाम उज्जैन की बाबा महाकाल की नगरी से जुड़े होने के कारण और भी प्रासंगिक हो गया है। फडणवीस एक बड़े भक्त हैं और नियमित रूप से बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन जाते रहते हैं। खास बात यह है कि फडणवीस ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए बाबा महाकाल मंदिर के पुजारी को भी निमंत्रण भेजा है, जो इस बात का संकेत है कि देवेंद्र फडणवीस का मुख्यमंत्री बनने का रास्ता लगभग साफ हो चुका है।

देवेंद्र फडणवीस ने खुद भेजा पुजारी को निमंत्रण

यह और भी दिलचस्प हो जाता है जब हम जानते हैं कि देवेंद्र फडणवीस ने खुद ही बाबा महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष शर्मा को शपथ ग्रहण कार्यक्रम का निमंत्रण भेजा। पुजारी आशीष शर्मा के लिए मुंबई जाने और रहने की सभी व्यवस्थाएं की गई हैं, और वह अपने साथ बाबा महाकाल का प्रसाद, दुपट्टा और रुद्राक्ष की माला लेकर जाएंगे, जिन्हें नए सीएम को भेंट किया जाएगा। देवेंद्र फडणवीस का खुद फोन करके निमंत्रण भेजना इस बात की पूरी संभावना जताता है कि वह महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं, और बस औपचारिक ऐलान बाकी है।

आधिकारिक घोषणा का इंतजार

वहीं, आज बीजेपी विधायक दल की बैठक होने वाली है, जिसके लिए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। इस बैठक में माना जा रहा है कि फडणवीस को पार्टी अपना नेता चुन सकती है, और उसके बाद उनका नाम आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री के रूप में घोषित किया जाएगा।

देवेंद्र फडणवीस के बाबा महाकाल के प्रति गहरी श्रद्धा से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि जब उन्होंने 2014 में पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तो सबसे पहले उन्होंने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया था। उन्होंने उज्जैन में विशेष पूजा पाठ करवाई और बाबा महाकाल से आशीर्वाद प्राप्त किया। यह उनका स्थायी आध्यात्मिक संबंध है, जो उनके मुख्यमंत्री बनने के सफर में भी महत्वपूर्ण रहा है।

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