शिवराज ने उमा को दिया करारा झटका, शराब सस्ती और दुकानें दोगुनी होंगी

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-अरुण दीक्षित

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी छोटी बहिन उमा भारती को जोर का झटका धीरे से दिया है।प्रदेश में शराबबंदी की उमा भारती की मांग को दरकिनार करते हुए उन्होंने प्रदेश में शराब की दुकानें दोगुनी कर दी हैं।शराब सस्ती भी की जा रही है।यही नही करोड़पति लोग अब अपने घर में बार भी खोल सकेंगे।एयरपोर्ट,मॉल औऱ सुपरबाजार में भी शराब मिला करेगी।

मंगलवार को शिवराज कैबिनेट ने आबकारी नीति 2022-23 के जिस 19 सूत्री मसौदे को मंजूरी दी है उसका मुख्य लक्ष्य दस हजार करोड़ के घाटे की भरपाई करना है।इसी बजह से सरकार ने नीति में कई बदलाव किए हैं।

लेकिन सरकार के प्रवक्ता ने इस नीति के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश नही डाला था।उन्होंने सिर्फ यह कह कर बात आगे बढ़ा दी थी कि फिलहाल राज्य में शराब की कोई नई दुकान नही खोली जाएगी।लेकिन जब मसौदा सामने आया तब यह पता चला कि सरकार दस हजार करोड़ कमाने के लिए बहुत कुछ करने जा रही है।उमा भारती की मांग उसके लिए कोई मायने नही रखती है।

नई आबकारी नीति के मसौदे के पहले पैराग्राफ में कहा गया है कि जीएसटी घाटे की भरपाई की व्यवस्था खत्म होने की बजह से दस हजार करोड़ का नुकसान होगा।इसकी भरपाई आबकारी के जरिये ही की जा सकती है।
इसकी भरपाई के लिए सरकार जो सबसे पहला कदम उठाने जा रही है-वह है शराब की कीमतों में 20 फीसदी की कमी।शराब सस्ती होगी तो ज्यादा बिकेगी।सरकार की कमाई बढ़ेगी।

उमा के “बड़े भाई” शिवराज ने बड़ी ही सफाई से प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या दोगुनी कर दी है।अभी प्रदेश में देसी शराब की 2544 और विदेशी शराब की 1061 अधिकृत दुकानें हैं।शिवराज की नई नीति के मुताविक अब देसी शराब की दुकान पर विदेशी और विदेशी शराब की दुकान पर देसी शराब भी बेची जाएगी।मतलब साफ है बिना नई दुकान खोले ही दुकानें दोगुनी हो गईं।इसके साथ एक समता का भाव भी आ गया है।अब शराब की दुकान पर गरीब अमीर का फर्क नही होगा।जहां बाबू लोग अंग्रेजी की बोतल लेंगे वहीं पर दिहाड़ी मजदूर अपना पौवा खरीद सकेगा।शराब के अहातों में भी देसी और विदेशी के ग्राहक साथ बैठकर शराब पी सकेंगे।

अब शराब की दुकानों की जगह भी बदली जा सकेगी ताकि बिक्री पर कोई विपरीत असर न पड़े।आखिर आमदनी में बीस फीसदी बढ़ोत्तरी जो करनी है।

सरकार प्रदेश में आने वाले पर्यटकों का विशेष ख्याल रखने जा रही है।सभी पर्यटन स्थलों पर शराब मुहैया कराए जाने की व्यवस्था की जाएगी।साथ ही सभी हवाई अड्डों पर भी शराब बेची जाएगी।मॉल और सुपर मार्केट में भी वाइन बिक्री काउंटर खोले जाएंगे।

आदिवासियों का भी खास ख्याल नई आबकारी नीति में रखा गया है।हैरिटेज मदिरा नीति के तहत महुआ के फूल से शराब बनाने के पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी है।आदिवासी महुये से जो शराब बनाएंगे उस पर टैक्स नही लगेगा।
सरकार सबसे बड़ा तोहफा प्रदेश के करोड़पतियों को दे रही है।अब वे अपने घर में अपना निजी बार खोल सकेंगे।इसके लिए उन्हें हर साल सरकार को पचास हजार रुपये देने होंगे।

कुल मिलाकर नई आबकारी नीति के जरिये शिवराज सरकार दस हजार करोड़ का घाटा पूरा करना चाहती है।इसके लिए वह हर संभव कोशिश करेगी।उमा भारती की मांग उसके लिए कोई मायने नही रखती है।शिवराज ने बिना कुछ कहे उमा को यह संदेश दे दिया है कि जो करना है सो करो।मुझे कोई फर्क नही पड़ता।

अब देखना यह है कि उमा भारती क्या करेंगी।हालांकि अभी तक उनका जो ट्रेक रिकॉर्ड रहा है उसे देखते हुए यह साफ है कि वे कुछ नही करेंगी।क्यों पिछले अक्तूबर में उन्होंने ऐलान किया था कि वे 15 जनवरी से प्रदेश में लट्ठ लेकर शराबबंदी कराएंगी।लेकिन 15 जनवरी को वे मध्यप्रदेश में ही नही थीं।हजारों किलोमीटर दूर जगन्नाथ पुरी में जगन्नाथ जी की पूजा कर रही थीं।लोगों को इस बात का इंतजार है कि भोपाल आकर वे क्या कहेंगी।फिलहाल शिवराज ने बिना कुछ कहे सब कुछ कर दिया।