एकनाथ शिंदे CM पद की रेस से बाहर! खुद दिए कुर्सी छोड़ने के संकेत, जानें क्या बोले?

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By Srashti BisenPublished On: November 27, 2024

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के चार दिन बाद, नए मुख्यमंत्री को लेकर स्थिति स्पष्ट होती दिख रही है। ठाणे में एकनाथ शिंदे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा का मुख्यमंत्री पद उनके लिए स्वीकार्य है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी और कहा कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं है। शिंदे ने यह भी कहा कि एनडीए का हिस्सा होने के नाते, भाजपा की बैठक में जो फैसला लिया जाएगा, वे उसे स्वीकार करेंगे। शिंदे ने यह सुनिश्चित किया कि वे सरकार बनाने में कोई अड़चन नहीं डालेंगे।

 CM बनने की महत्वाकांक्षा नहीं, जनता की सेवा प्राथमिकता

शिंदे ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा नहीं रखी। उनका मुख्य उद्देश्य महाराष्ट्र की जनता की सेवा करना है। उन्होंने चुनाव के दौरान सुबह 5 बजे तक काम किया और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत के कारण ही यह जीत मिली। शिंदे ने यह भी कहा कि उनकी पहचान जनता की वजह से बनी है, न कि किसी व्यक्तिगत लोकप्रियता के कारण।

एकनाथ शिंदे : “मैं सबका लाडला भाई हूं”

शिंदे ने चुनाव परिणामों को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह जीत उनके काम और जनता के समर्थन का परिणाम है। उन्होंने खुद को “सबका लाडला भाई” बताया और कहा कि बहनों ने उन्हें याद रखा और उनका समर्थन किया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात का पूरा पता है कि कौन नाराज है या कहां गया है, लेकिन वे अपनी जीत को ऐतिहासिक मानते हैं और इसे जनता के साथ मिलकर की गई मेहनत का परिणाम मानते हैं।

एकनाथ शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने महाराष्ट्र की प्रगति की गति को तेज किया है। उन्होंने मोदी और शाह के समर्थन का धन्यवाद किया और बताया कि उनकी सरकार ने 124 महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जबकि पहले की सरकार ने इतने बड़े फैसले नहीं लिए थे। शिंदे का कहना था कि पिछली सरकार ने राज्य को पीछे किया था, लेकिन उनकी सरकार ने राज्य को फिर से आगे बढ़ाया है।

एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी और उन्होंने इसे पूरी निष्ठा से निभाया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने उन्हें हमेशा विश्वास दिया और कहा कि वे जनता के लिए काम करें। शिंदे ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने आम कार्यकर्ता के तौर पर जो भी जिम्मेदारी ली, उसे पूरी मेहनत और प्रतिबद्धता से निभाया।