जगदलपुर, पुलिस के अनुसार दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए छह नक्सली खूंखार कैडर थे, जिन पर कुल मिलाकर 38 लाख का इनाम था।पुलिस ने शनिवार को बताया कि नक्सलियों के हमलावर बल का स्तंभ मानी जाने वाली पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी कंपनी नंबर 6 पर सुरक्षा बलों द्वारा किया गया यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है।
पुलिस ने कहा कि इसने पूर्वी बस्तर संभाग में नक्सलियों के बीच भय का माहौल पैदा कर दिया है, जिसे उनका मजबूत गढ़ माना जाता है।यह मुठभेड़ ओरछा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोबेल और थुलथुली गांवों के पास शुक्रवार को हुई। पुलिस ने पहले कहा था कि सात नक्सली मारे गए हैं, लेकिन बाद में उन्होंने मरने वालों की संख्या में संशोधन कर छह कर दिया, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं।
मृतक पीएलजीए की सैन्य कंपनी नंबर 6 और प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ आई की पूर्वी बस्तर डिवीजन की इकाइयों से संबंधित थेपुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, पीएलजीए सैन्य कंपनी नंबर 6 और पूर्वी बस्तर डिवीजन के माओवादियों की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर नारायणपुर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों की सीमा पर छह जून की देर रात सुरक्षा बलों की अलग-अलग टीमों को शामिल करते हुए अभियान शुरू किया गया था।
चार जिलों से पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की 45 वीं बटालियन और 95 वीं बीए के कर्मी उन्होंने कहा कि अभियान के बाद नारायणपुर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय नक्सली नेतृत्व कथित तौर पर ग्रामीणों और उनके निचले कैडर को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
बस्तर और दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा और गौरव राय ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य बस्तर संभाग में सुदूर जंगलों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले लोगों को माओवादी विचारधारा से बचाना है ताकि क्षेत्र में विकास और शांति स्थापित की जा सके