नई दिल्ली: देश में कोरोना के बाद स्कूल और कॉलेज पिछले वर्ष से बंद है इसके साथ कोरोना के कारण और भी कई विभाग है जिनकी व्यवस्थाएं और सुविधाएं बंद है। भारत में आंगनबाड़ी एक ऐसा विभाग है जो गर्भवती महिलाओ के लिए बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध करता है लेकिन जो कोरोना काल के कारण काफी समय से बंद है और इसे फिर से खोलने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है। आंगनबाड़ी को खोलने का निर्देश जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एक जनहित याचिका में जारी किया है।
आंगनबाड़ी बंद होने के कारण गर्भवती महिलाओ को मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल पा रही है इस निर्देश में कहां गया है की आंगनबाड़ी व्यवस्था के बंद होने के बाद बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं को भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्र और राज्यों को निर्देश दिए जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने आंगनबाड़ियों के बंद होने के कारण महिला और बाल विकास मंत्रालय को निर्देश जारी किया है और कहां की जो भी आंगनबाड़ी कंटेनमेंट जोन से बाहर है उन्हें 31 जनवरी 2021 से पहले खोला जाए। बता दी कि केंद्र शासित प्रदेश और राज्यों को अपने संबंधित राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों से परामर्श करने के बाद ही आंगनबाड़ियों को खोलने की व्यवस्था करनी होगी।
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और कुपोषण से पीड़ित बच्चों को पोषण आहार देना है। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 31 जनवरी तक देशभर में आंगनबाड़ी सेवाओं को खोलने के संबंध में निर्णय लेना होगा और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की अनुसूची 2 के तहत दिए गए पोषण मानकों को बच्चों और माताओं को पोषण संबंधी सहायता प्रदान कराई जाना चाहिए।