Sawan 2024 : सावन में क्यों वर्जित होता है नॉनवेज और मदिरापान? शिवपुराण में महादेव ने कही हैं ये बात

Shivani Rathore
Published on:
Sawan 2024 : सावन में क्यों वर्जित होता है नॉनवेज और मदिरापान? शिवपुराण में महादेव ने कही हैं ये बात

Sawan 2024 : सोमवार, 22 जुलाई से सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो रही है। भगवान भोलेनाथ की आराधना का यह पवित्र महीना होता है। मांस और मछली सहित मदिरापान इस महीने में वर्जित होता है, जो भी शिव भक्त भोलेनाथ की आराधना करते हैं। वह पूरी तरह से इससे दूर रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में मांस, मछली और मदिरापान को वर्जित क्यों किया गया है? शिव पुराण में खुद भगवान शिव माता पार्वती से कहते हैं कि उन्हें अनन्य भक्ति करने वाले भक्त बहुत पसंद हैं, लेकिन जो भी भक्त मांस भक्षण करते हैं या फिर सुरा पान करते हैं, उनसे वह थोड़ी दूरी पर ही बैठना पसंद करते हैं।

Sawan Special Songs: सावन में जरूर सुने भगवान शिव के यह गाने, भक्ति में लीन हो जाएंगे आप

Sawan 2024 : सावन में क्यों वर्जित होता है नॉनवेज और मदिरापान? शिवपुराण में महादेव ने कही हैं ये बात

स्कंद पुराण में भी दी गई जानकारी

भगवान भोलेनाथ की पूजा करने वाले भक्तों के लिए स्कंद पुराण में भी खानपान का ऐसा ही विधान दिया गया है। स्कंद पुराण में श्लोक आता है कि “क्व मांस क्व शिवे भक्ति: क्व मद्य क्व शिवार्चनं। मद्यमांसरतानां च दूरे तिष्ठति शंकर।।” इसका अर्थ है कि कहां मांस और कहां शिव में भक्ति, कहां मद्यपान और कहां शिव की उपासना। भगवान शिव तो मद्यपान करने वाले या मांस भक्षण करने वाले से दूर ही बैठना पसंद करेंगे। कुछ इसी तरह का विधान शिव पुराण में भी आता है। इसमें रुद्राक्षधारी यानी शिव भक्तों को लिए मांस मछली और सुरापान के लिए साफ तौर पर मना किया गया है। बल्कि इसे शिव भक्ति के लिए वर्जित खान पान की श्रेणी में रखा गया है।

Money Vastu Tips: पैसे से जुड़े ये 5 नियम का नहीं किया पालन तो कभी नहीं बन पाएंगे धनवान

शिवपुराण में भी वर्जित है मांस भक्षण (Sawan 2024)

शिवपुराण के विद्येश्वरसंहिता में अध्याय 25 श्लोक 4 ” मद्यं मांसं तु लशुनं पलाण्डुं शिग्रुमेव च। श्लेष्मान्तकं विड्वराहं भक्षणे वर्जयेत्ततः।” में शुकदेव जी रुद्राक्षधारियों को अपने खान पान को लेकर बेहद सतर्क रहने की सलाह देते हैं यहां रुद्राक्षधारी का तात्पर्य शिवभक्त से है। वह कहते हैं कि शिव की भक्ति के लिए मदिरा और मांस ही नहीं, लहसुन, प्याज, सहजन, लिसोड़ा और विड्वराह आदि का भी सेवन नहीं करना चाहिए। (Sawan 2024)

Optical Illusion: बड़े-बड़े तुरम खां भी नहीं ढूंढ पाएं सामानों के बीच में एक सॉफ्ट टॉय, अगर आपने खोज निकाला तो कहलाएंगे शहंशाह