शनि को न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। शनि को प्रसन्न करके व्यक्ति जीवन के कष्टों को कम कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कभी ग्रहों में किसी तरह का कोई बदलाव होता है तो इसका सीधा असर हमारी राशि पर पड़ता है।
जिस वजह से कुंडली पर शनि बैठ जातें हैं और ऐसे में व्यक्ति के जीवन में दुख भी आ सकते हैं तो खुशियां भी आ सकती हैं। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार शनि के नाराज होने से व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। शनिदेव प्रसन्न होते हैं तो बिगड़े हुए काम बन जाते हैं और सफलता भी प्राप्त होती है।
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बता दे, शनि देव किसी भी एक राशि में लगभग ढाई वर्षों तक रहते हैं। इस वजह से जातकों पर शनि का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। ज्योतिषों द्वारा बताया गया है कि 2022 में शनि 29 अप्रैल से अपनी राशि बदलेंगे। दरअसल, जब भी शनि राशि बदलते हैं तो किसी राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाती है या फिर किसी की साढ़ेसाती लगी हुई खत्म हो जाती है।
इसको लेकर ज्योतिष ने कहा है कि 2022 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में कुंभ राशि में शनि के गोचर करते ही मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। साथ ही धनु राशि के जातकों को इससे मुक्ति मिलेगी। दरअसल, शनि साल 2022 में दो बार 29 अप्रैल और 12 जुलाई को राशि बदलेंगे।
जानकारी के मुताबिक, शनि को अपना राशि चक्र पूरा करने में करीब 30 साल का समय लगता है। ऐसे में शनिदेव 2022 में 29 अप्रैल में अपनी राशि बदलेंगे। उसके बाद 5 जून से इनकी वक्री चाल शुरू होगी। वहीं अपनी उल्टी चाल चलते हुए ये मकर राशि में फिर से गोचर करने लगेंगे।