कर्मचारियों की मांग बनी केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती, रुक सकती है पुरानी पेंशन स्कीम

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By Shraddha PancholiPublished On: July 26, 2022

पुरानी पेंशन योजना अब एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। लेकिन केंद्र सरकार के असहयोग की वजह से राज्य में बड़े आर्थिक फैसले लेने में समस्या आ रही है, कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ते दे या फिर पुरानी पेंशन स्कीम को प्राथमिकता दें यह दोनों ही बड़ी चुनौती सामने आ गई है।

हालांकि पुरानी पेंशन स्कीम के लिए राज्य को अभी पेंशन निधि जोड़कर एक नियमित बचत में उसमें डालना होगी। लेकिन केंद्र के समान डीए देने पर सरकार के ऊपर सालाना 22 सौ करोड़ का आर्थिक भार आ जाएगा। हालांकि सरकार के द्वारा अभी कर्मचारियों को करीब 22% डीए का दे रही है और इस पर 55 सौ करोड़ का खर्च बताया जा रहा है। वही वेतन भत्ते पर राज्य सरकार 25000 करोड़ खर्च कर रही हैं।

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कोरोना काल के बाद वित्तीय स्थिति पर विपरित असर पड़ रहा है। जिसके बाद अब कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें उनके सम्मान डीए दिया जाए, जो कि अब सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि अभी केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 34% डीए दे रही है, लेकिन सरकार को आर्थिक प्रबंधन की को लेकर संसाधनों की दीर्घकालीन प्लानिंग योजना बनाना है। अब केंद्र सरकार क्या कदम उठाती है, यह अभी बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।