पिछले कुछ सालो से भारतीय रुपया (Indian Rupee) लगातार कमज़ोर होता जा रहा है। डॉलर (Dollar) के मुकाबले पिछले वर्ष रुपया 5 रुपय से अधिक गिरा है। रुपय में इतनी तेज गिरावट पहले शायद ही देखी गई हो। देश के अनुभवी अर्थशास्त्रियों से लेकर सामान्य नागरिकों तक में रुपय के इस प्रकार गिरने से चिंता और रोष है। राजनैतिक रूप में भी इस बात का काफी विरोध देखने को मिल रहा है। विपक्ष के द्वारा केंद्र सरकार पर डॉलर के मुकाबले इस तरह रुपया गिरने के लिए आरोपात्मक बयानबाजी की जा रही है।
79.90 रुपए हैं अभी 1 डॉलर के बराबर
भारतीय रुपया पिछले वर्ष डॉलर के मुकाबले 74.54 था । यदि रुपए की मौजूदा हालत की बात करें तो अभी फिलहाल रुपया 79.90 प्रति डॉलर पर पहुँच गया है। इस परिस्थिति में किसी भी दिन रुपए के एक डॉलर के मुकाबले 80 के पार निकलने की संभावना से बिलकुल भी इंकार नहीं किया जा सकता है। अमेरिका में 41 वर्षों का उच्चतम महंगाई स्तर छूने के बाद फेडरल रिजर्व के द्वारा तेजी से ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं , जिससे की डॉलर में यह मजबूती देखने को मिल रही है। जानकारी के अनुसार डॉलर की साख बचाने को अमेरिका ने 1 प्रतिशत तक ब्याज दरें विभिन्न वर्ग में बढ़ाई है।
भारत के पड़ौसी देशों का हाल है ज्यादा बुरा, श्रीलंका के सबसे खराब हाल
वैश्विक आर्थिक मंदी का बुरा असर सिर्फ भारतीय रुपए पर ही नहीं बल्कि विश्व के सभी देशों पर अलग-अलग मात्रा और स्वरूप में पड़ रहा है। पाकिस्तान में फ़िलहाल 1 डॉलर 209.46 पाकिस्तानी रुपये के बराबर है जबकि पिछले साल 159.10 पाकिस्तानी रुपय के बराबर एक डॉलर था। भारत के पड़ोसी नेपाल की करंसी में भी गिरावट आई है। बीते साल एक डॉलर के मुकाबले 117.70 नेपाली रुपए थे, जबकि वर्तमान में एक डॉलर के मुकाबले 127.66 नेपाली रुपए की कीमत है। श्रीलंका के सबसे खराब हाल हैं, बीते साल जहाँ एक डॉलर की कीमत 196.55 श्रीलंकाई रुपये के बराबर थी, वहीं फ़िलहाल 360.82 श्रीलंकाई रुपये के बराबर हो चुकी है एक डॉलर की कीमत।