
सावन आते ही शिवभक्तों में शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और फूल चढ़ाने की परंपरा शुरू हो जाती है. लेकिन बहुत से लोग इस दौरान एक ऐसी गलती कर बैठते हैं जो पूजा को निष्फल कर सकती है — और वह है शिवलिंग पर तुलसी दल चढ़ाना.
हालांकि तुलसी को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और देवी लक्ष्मी के समान माना गया है, लेकिन भगवान शिव को तुलसी चढ़ाना वर्जित है. इसका कारण सिर्फ नियम नहीं, बल्कि एक रहस्यमयी पौराणिक कथा है जो हजारों साल पुरानी है.
तुलसी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है
तुलसी का पौधा सिर्फ एक औषधि या पवित्र वनस्पति नहीं है, यह विष्णु जी की प्रिय मानी जाती है और तुलसी विवाह जैसे धार्मिक आयोजन में उसका विशेष स्थान है. लेकिन जब बात आती है शिव पूजा की, तो तुलसी निषिद्ध हो जाती है. क्यों?

पौराणिक कथा: तुलसी और शंकर के बीच का रहस्य
पद्म पुराण और शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार तुलसी पूर्वजन्म में ‘Vrinda’ नाम की एक महान पतिव्रता स्त्री थीं, जो असुरराज जलंधर की पत्नी थीं. जलंधर को उसका धर्म और पत्नी का तप बचा रहा था. देवताओं ने उसका अंत करने के लिए भगवान विष्णु से सहायता मांगी. भगवान विष्णु ने छल से वृंदा का पतिव्रत धर्म भंग किया, जिससे जलंधर का वध संभव हो सका. जब वृंदा को यह पता चला, तो उसने क्रोधित होकर विष्णु को श्राप दिया कि वह पत्थर (शालिग्राम) बन जाएंगे, और स्वयं तुलसी पौधे के रूप में जन्म लेंगी. इस घटना के बाद, वृंदा (तुलसी) ने शिव को दोषी ठहराया, क्योंकि उन्होंने जलंधर को मारने के लिए ये योजना बनाई थी। उसी कारण तुलसी का मन शिव के प्रति विरोधी भाव में रहा.
इसलिए शास्त्रों में लिखा है —”तुलसी केवल विष्णु को अर्पित की जाए, शिव को नहीं.”
शिव पूजा में क्या चढ़ाना चाहिए तुलसी की जगह?
.बेलपत्र (तीन पत्तियों वाला)
.धतूरा
.अकौआ
.गंगाजल
.दूध, दही, शहद, घी, घृत
.सफेद फूल (कुमुद, कनेर, अपराजिता)
तुलसी चढ़ाने से क्या हो सकता है प्रभाव?
पूजा का फल बाधित हो सकता है. आकस्मिक रुकावटें, मानसिक तनाव बढ़ सकता है, गृह दोष या कर्म दोष सक्रिय हो सकते हैं. विशेषकर सावन में यह और भी अशुभ माना जाता है, जब शिव आराधना अपने चरम पर होती है.
क्या तुलसी कभी भी शिव को चढ़ाई जा सकती है?
कुछ शैव मतों में यह मान्यता भी है कि यदि शिव और विष्णु का संयुक्त पूजन हो रहा हो (जैसे हरिहर रूप), तब तुलसी का उपयोग संभव है. लेकिन परंपरागत शिवलिंग पूजा में तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए.