कब है अनंत चतुर्दशी? जानें तिथि, पूजा विधि और गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

Author Picture
By Swati BisenPublished On: September 1, 2025
Anant Chaturdashi 2025

Anant Chaturdashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह तिथि 6 सितंबर, शनिवार को पड़ रही है। चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर को सुबह 3:14 बजे होगी और इसका समापन 7 सितंबर की रात 1:41 बजे होगा। शास्त्रों के अनुसार उदिया तिथि मान्य होती है, इसलिए व्रत और पूजन 6 सितंबर को ही किए जाएंगे।


अनंत चतुर्दशी का महत्व

यह दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को संतान सुख, संपत्ति और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। चूंकि इस बार यह पर्व शनिवार को आ रहा है, इसलिए इसे और भी खास माना जा रहा है। शनिवार को अनंत चतुर्दशी का व्रत करने से शनि दोष, पितृ दोष और आर्थिक संकट दूर होते हैं।

शुभ योग का संयोग

इस बार अनंत चतुर्दशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं। सूर्य, बुध और केतु की युति से बुधादित्य राजयोग और त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। साथ ही सुकर्मा योग और रवि योग भी रहेंगे। इन योगों के प्रभाव से भगवान विष्णु की पूजा का फल कई गुना बढ़ जाएगा और व्रत करने वाले को सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होगी।

गणेश विसर्जन का महत्व

गणेशोत्सव की शुरुआत चतुर्थी तिथि से होती है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी पर होता है। इस दिन घर-घर से बप्पा को विदाई दी जाती है। भक्त गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन नदी, तालाब या समुद्र में करते हैं, जिससे उनकी दिव्य उपस्थिति पुनः प्रकृति में विलीन हो जाती है और अगले वर्ष फिर से बप्पा का स्वागत धूमधाम से किया जाता है।

गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त

  • शुभ चौघड़िया : सुबह 7:36 से 9:10 बजे तक
  • लाभ चौघड़िया : दोपहर 1:54 से 3:28 बजे तक
  • अमृत चौघड़िया : 3:29 से 5:03 बजे तक
  • लाभ चौघड़िया : शाम 6:37 से 8:03 बजे तक

इन मुहूर्तों में विसर्जन करना अत्यंत शुभ माना गया है।

पूजा विधि

  • सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर उनका पूजन करें।
  • 14 गांठ वाला अनंत सूत्र हल्दी और कुमकुम से पूजकर पुरुष दाहिने हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में बांधें।
  • “ॐ अनंताय नमः” मंत्र का जाप करें और व्रत कथा पढ़ें।
  • दिनभर सात्विक भोजन करें और जरूरतमंदों को दान दें।
  • शाम को दीप जलाकर भगवान विष्णु को अर्पित करें।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।