आज है मासिक शिवरात्रि, जाने पौराणिक कथा और महत्त्व

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By Ayushi JainPublished On: December 13, 2020
shiv ji

आज मासिक शिवरात्रि है। इस दिन भक्त शिव जी की पूजा अर्चना करते हैं। बता दे, आज अगहन की मासिक शिवरात्रि है। ये दिन शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन भक्त शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ा कर शिव जी को प्रसन्न करते हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं हर महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्थी पर मासिक शिवरात्रि होती है।


इसका विशेष महत्त्व हिन्दू मानयताओं में माना गया है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी आधी रात को शिव लिङ्ग के रूप में उत्पन्न हुए थे। जिसके बाद भगवान विष्णु और ब्रह्माजी ने सबसे पहली बार मासिक शिवरात्रि के दिन शिव लिङ्ग की आराधना की थी। इसके बाद से ही उनकी आराधना और पूजा करने का विशेष महत्त्व माना गया है। आज हम आपको इस मासिक शिवरात्रि से जुड़ी कथा और महत्त्व बताने जा रहे हैं।

व्रत कथा –

पौराणिक मानयताओं के अनुसार, शिव भगवान महाशिवरात्रि के दिन आधी रात के समय शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। उनके शिवलिंग में प्रकट होने के बाद सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और विष्णु ने उनकी पूजा की थी। उसके बाद से ही अब तक इसी दिन भगवान शिव का जन्मदिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

आपको बता दे, पुराणों में भी शिवरात्रि पर किए जाने ल्रत का जिक्र किया गया है। कहा जाता है कि माता लक्ष्मी, मां सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती जैसे देवियों ने भी अपने जीवन के उद्धार के लिए शिवरात्रि का व्रत किया था। आपको बता दे, ये शिवरात्रि का व्रत रखने और शिव जी की पूजा अर्चना करने से से सुख और शांति प्राप्त होती है। ये व्रत संतान प्राप्ति के साथ रोगों से मुक्ति पाने के लिए भी किया जाता है।

महत्व –

मासिक शिवरात्रि के दिन शिव जी की विधि-विधान से पूजा अर्चना कर व्रत रखा जाता है जिसकी वह से जातकों पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और उनकी सभी मुरादें पूरी होती हैं। कहा जाता है कि ये व्रत रखने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है और बीमारियों से मुक्ति भी मिलती है।