Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन का पर्व हर साल सावन की पूर्णिमा को बड़े प्रेम और श्रद्धा से मनाया जाता है। यह दिन भाई-बहन के स्नेह और एक-दूसरे की सुरक्षा के वादे का प्रतीक होता है। इस शुभ अवसर पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। वर्ष 2025 में यह पावन त्योहार शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा।
दशकों बाद बन रहा है अद्भुत संयोग
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस बार रक्षाबंधन पर वैसा ही शुभ संयोग बन रहा है जैसा साल 1930 में बना था। उस समय भी रक्षाबंधन 9 अगस्त, शनिवार को पड़ा था और पूर्णिमा तिथि का आरंभ दोपहर 2:07 बजे हुआ था। इस बार भी पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त दोपहर 2:12 बजे शुरू होकर 9 अगस्त दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी। अंतर बस 5 मिनट का है!
राखी बांधने का सही समय
भद्रा काल के कारण राखी 8 अगस्त को नहीं बल्कि 9 अगस्त को बांधनी चाहिए। भद्रा काल 8 अगस्त को दोपहर 2:12 से लेकर 9 अगस्त की रात 1:52 बजे तक रहेगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 5:21 से दोपहर 1:24 बजे तक है।
रक्षाबंधन पर बन रहे शुभ योग
इस रक्षाबंधन पर कई दुर्लभ योग बन रहे हैं:
- सौभाग्य योग: 9 अगस्त से लेकर 10 अगस्त रात 2:15 तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 9 अगस्त को सुबह 5:47 से दोपहर 2:23 तक
- श्रवण नक्षत्र: दोपहर 2:23 तक
इन सभी योगों में राखी बांधना अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है।
लक्ष्मी-नारायण पूजा का महत्व
अगर आप इस दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा के साथ भाई को राखी बांधती हैं, तो दोगुना शुभ फल प्राप्त हो सकता है। मान्यता है कि इन योगों में पूजा और राखी का पर्व संपन्न करना जीवन में सुख, समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद दिलाता है।
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