Shukra Gochar: ज्योतिष शास्त्र में शुक्र (Shukra) को भौतिक सुख, ऐश्वर्य, प्रेम, आकर्षण और समृद्धि का कारक माना जाता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में इसकी स्थिति जितनी मजबूत होती है, उसका व्यक्तित्व उतना ही आकर्षक और प्रभावशाली होता है।
ऐसे जातक न केवल आर्थिक रूप से संपन्न होते हैं, बल्कि उनका दांपत्य जीवन भी प्रेम और रोमांस से भरा रहता है। शुक्र लगभग हर 13 दिन में नक्षत्र बदलते हैं और समय-समय पर यह बदलाव सभी 12 राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक असर डालता है।
50 साल बाद बन रहा अद्भुत संयोग
23 अगस्त 2025 को शनि अमावस्या के अवसर पर शुक्र ग्रह का गोचर होगा और वे पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। चूंकि पुष्य नक्षत्र पर शनि देव का अधिपत्य है, इसलिए यह संयोग ज्योतिष दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ माना जा रहा है। लगभग 50 वर्षों बाद ऐसा दुर्लभ योग बन रहा है, जब शुक्र की चाल का असर शनि की छाया में देखने को मिलेगा। इस गोचर से कई राशियों की किस्मत चमक सकती है।
आइए जानते हैं किन-किन राशियों को इस परिवर्तन का मिलेगा लाभ
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर बहुत शुभ साबित होगा। धन संबंधी समस्याओं का अंत होगा और करियर में नए अवसर मिलेंगे। पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और समाज में सम्मान बढ़ेगा। अविवाहित लोगों के विवाह में आ रही अड़चनें दूर होंगी। पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ेगा। छात्रों को पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफलता मिलने के योग हैं।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह समय अत्यंत लाभकारी रहेगा। आय के नए स्रोत बनेंगे और कारोबार में लाभ बढ़ेगा। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी। निवेश करना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए सही रहेगा। पारिवारिक जीवन खुशहाल रहेगा और तरक्की के योग बनेंगे।
वृषभ राशि
वृषभ राशि पर शुक्र का स्वामीत्व होता है, इसलिए शुक्र का यह गोचर इस राशि वालों के लिए बेहद खास रहेगा। नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को सफलता मिलेगी और व्यवसाय में बड़ी डील हाथ लग सकती है। प्रमोशन और वेतनवृद्धि के योग भी बन रहे हैं। रुका हुआ धन वापस मिलने की संभावना है। साथ ही, धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी और रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ संबंध बेहतर होंगे।
शनि अमावस्या पर करें ये उपाय
23 अगस्त को शनि अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा। अमावस्या तिथि 22 अगस्त को सुबह 11:55 बजे से शुरू होकर 23 अगस्त को सुबह 11:35 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार मुख्य पर्व 23 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
इस दिन किए गए कुछ उपाय अत्यंत शुभ फलदायी माने जाते हैं
- शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करें।
- सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का तेल का दीपक जलाएं।
- काले तिल, उड़द की दाल, जूते, छाता, लोहे की वस्तु और कपड़ों का दान करें।
- हनुमान जी की पूजा-अर्चना करें ताकि शनि दोष कम हो और भाग्य प्रबल हो।
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