Shani Gochar : ज्योतिषीय गणना के साथ इस साल का सबसे बड़ा दिन 29 मार्च को माना जा रहा है। शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करने वाले हैं। वही इस दिन शनि अमावस्या भी है। इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। कई महीनो में यह दिन खास साबित होने वाला है।
शनि ढाई वर्ष के लिए जब राशि परिवर्तन करते हैं तो दो राशियों पर ढैया का प्रभाव शुरू हो जाता है और दो राशियों पर ये समाप्त हो जाती है।इसके साथ ही कुछ राशियों पर साढ़ेसाती का भी असर देखा जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार न्याय और कर्म के देवता शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। ऐसे में जिन जातक परेशानी की ढैया चल रही होती है, उनके जीवन में कई अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव भी नजर आते हैं।

दो राशियों पर ढैया का प्रभाव शुरू
शनि की ढैया का मतलब ढाई वर्ष की अवधि होती है। शनि की दृष्टि में दो राशियों पर ढैया का असर देखने को मिलता है। 30 साल बाद शनि मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि की ढैया से लोग काफी डरते हैं। माना जाता है कि शनि की ढैया राशि में उतार-चढ़ाव होती है। 29 मार्च को शनि देव गुरु की राशि मीन में गोचर करेंगे जहां राहु के अलावा शुक्र चंद्रमा बुध और सूर्य पहले से विराजमान है।
चौथे और आठवें दृष्टि की ढैया का प्रभाव
जब शनि किसी राशि में गोचर करते हैं तो उस राशि से चौथे और आठवें दृष्टि की ढैया का प्रभाव शुरू हो जाता है। शनि देव को कर्म का कारक माना गया है। ऐसे में अपने कर्म के प्रति लीन रहने वाले को शनिदेव शक्ति और साहस प्रदान करते हैं। जिस राशि पर शनि की ढैया रहती है। शनि देव उसके जीवन में उसे ऐसे पाठ सीखाते हैं, जो उसे मेच्योर बनाते हैं और उसके व्यक्तिगत विकास के कारक होते हैं।
मीन राशि में गोचर करने के बाद दो राशियों पर जहां ढैया का प्रभाव समाप्त होगा। वहीं दो राशियों पर ढैया शुरू हो जाएगी। कर्क और वृश्चिक राशि से ढैया समाप्त हो रही है। 29 मार्च को शनि के मीन राशि में गोचर करने के साथ ही कर्क राशि और वृश्चिक राशि पर ढैया का असर समाप्त हो जाएगा।
ढैया का असर
हालांकि शनि के अष्टम भाव में मौजूद सिंह राशि वालों पर शनि की ढैया का प्रभाव शुरू हो जाएगा। वहीं उनके चतुर्थ भाव में मौजूद राशि धनु वाले पर भी शनि की ढैया का प्रभाव होगा। ऐसे में सिंह और धनु राशि वाले को शनि की दृष्टि से बचकर रहना होगा। शनि की ढैया रहने पर शत्रु आप पर हावी रहते हैं। आप बीमारी और चोट की चपेट में आ सकते हैं। इसके साथ ही आपको धन की हानि हो सकती है।
इतना ही नहीं शनि के मीन राशि में गोचर होने के साथ ही कई राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का भी प्रभाव देखने को मिलेगा। जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चलने वाली है। उसमें मेष राशि के अलावा मीन राशि शामिल है ।
शनि की साढ़ेसाती मेष राशि पर हावी रहेगी। ऐसे में शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण होने की वजह से उन लोगों को कारोबार में बाधा का सामना करना पड़ेगा। शनि के पहले चरण में लोहे के पांव पर रहने के कारण इन राशि के लोगों को शारीरिक और मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। जीवन में कई व्यवधान उत्पन्न होंगे। लोग खुद के ही विरोधी हो जाएंगे। खुद के द्वारा ही खुद की अवेहलना करेंगे।
साढ़ेसाती का असर
इसके अलावा मीन और कुंभ राशि पर भी शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव दिखेगा। मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है। ऐसे में उनके काम बनते बनते बिगड़ जाएंगे। मानसिक कष्ट के साथ ही करियर में परेशानी का सामना करना पड़ेगा
कुंभ राशि के लिए शनि की साढ़ेसाती अत्यधिक कष्टदायी नहीं होगी। शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण होने की वजह से साल का कुछ समय के लिए अच्छा रहेगा। हालांकि उन्हें सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा।
इन उपाय से कम करें ढैया का अशुभ प्रभाव
- हर शनिवार के दिन एक रोटी पर सरसों का तेल लगाकर कुत्ते को खिला दें
- हनुमान मंदिर में चमेली के तेल का दीपक जलाएं हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें
- शनिवार के दिन उड़द दाल काले जूते काला छाता आदि चीजों का दान करें पीपल को जल चढ़ाएं
- अमावस्या के दिन पितरों को भोग लगाने से शनि प्रसन्न रहते हैं
- माता काली के मंदिर और शनि देव के मंदिर में नारियल अर्पित करें
- शनि की प्रतिमा पर सरसों के तेल से अभिषेक करें।
Note : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।