23 जुलाई को शिवभक्ति का महापर्व, सावन शिवरात्रि पर बन रहे हैं ये पुण्यदायक संयोग

सावन महीने में शिवरात्रि का विशेष महत्व है, जब कांवड़िये गंगाजल लाकर शिवजी का जलाभिषेक करते हैं। इस वर्ष 23 जुलाई को मनाई जाने वाली शिवरात्रि पर शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जिससे पूजा का फल दोगुना मिलेगा।

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श्रावण मास की शुरुआत होते ही देशभर में शिवभक्तों में भक्ति और उल्लास की लहर दौड़ गई है। मंदिरों में सुबह से रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। हरिद्वार, गोमुख, देवघर, प्रयागराज और काशी जैसे तीर्थस्थलों से लाखों कांवड़िये पैदल यात्रा करते हुए अपने स्थानीय शिवालयों की ओर गंगाजल लेकर बढ़ते हैं।

सिर पर कांवड़ उठाए हुए ये शिवभक्त विशेष भक्ति भाव से भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस यात्रा को “कांवड़ यात्रा” कहा जाता है, जो सनातन धर्म में अत्यंत पुण्यदायक मानी जाती है। कांवड़िए अधिकतर भगवा वस्त्र धारण करते हैं, जो कि न केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि इसमें आध्यात्मिक ऊर्जा का भी संचार माना जाता है। यह रंग त्याग, तपस्या और सेवा भाव को दर्शाता है।

सावन की शिवरात्रि

सावन माह के दौरान आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की पूजा के लिए अति पावन माना जाता है। भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और विधिवत पूजन कर शिव-पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

महादेव का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल जैसे पंचामृत से किया जाता है। कई स्थानों पर रुद्राभिषेक और शिव विवाह के आयोजन भी होते हैं, जहां भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठानों से वातावरण पूरी तरह शिवमय हो जाता है।

शिवरात्रि तिथि और पूजा मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन महीने की शिवरात्रि 23 जुलाई को मनाई जाएगी। चतुर्दशी तिथि का आरंभ 23 जुलाई की सुबह 4:39 बजे होगा और इसका समापन 24 जुलाई की रात 2:28 बजे होगा। निशिता काल, यानी मध्य रात्रि में पूजा का शुभ समय 12:07 से 12:48 तक रहेगा। इस दौरान किया गया पूजन विशेष फलदायक माना गया है।

पूजा का मिलेगा दोगुना लाभ

इस बार की सावन शिवरात्रि पर दो शुभ योग भद्र वास योग और हर्षण योग का संयोग बन रहा है। ये योग शिवभक्तों के लिए सौभाग्य और सिद्धि देने वाले माने जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इन योगों में की गई पूजा से शिवजी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं। विशेषकर संतान प्राप्ति, वैवाहिक सुख और पारिवारिक समृद्धि के लिए यह शिवरात्रि अत्यंत लाभकारी हो सकती है।

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