कालो के काल महांकाल भगवान शिव जिन्हे देवो के देव भी कहते है। ब्रह्मः विष्णु महेश एवं पंचदेवों के प्रधान के रूप में जाने जाते है। भगवान शिव के अनेको नाम है जैसे शंकर, भोलेनाथ ,महांकाल ,महादेव आदि इस संसार में भगवान् शिव अनादि परमेश्वर हैं और आगम-निगम आदि शास्त्रों के अधिष्ठाता भी हैं। भगवान शिव ही संसार में चेतना का संचार करते है।
बता दे, उनकी पहली पत्नी राजा दक्ष की पुत्री सती थीं। लेकिन एक यत्र में पिता की ओर से पति को आमंत्रित नहीं किए जाने के अपमान से आहत होकर उन्होंने यज्ञ में कूद कर जान दे दी थी। इसलिए इन दोनों की कोई संतान नहीं थी। फिर शिवजी का विवाह हिमालय राज की पुत्री पार्वती से हुआ। आपको बता दे, इन दोनों के बड़े बेटे कार्तिकेय और दूसरे पुत्र श्री गणेश थे। ऐसे में कहा जाता है कि गणेश जी को खुद पार्वती जी ने उबटन से बनाया था।
![Sawan 2021: कार्तिकेय-गणेश सहित इन 7 संतानों के पिता है शिव, जानें पूरी डिटेल 4](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2020/08/shiv-parvati-.jpg)
ये है शिवजी और पार्वती के पुत्र –
अयप्पा –
जानकारी के अनुसार, शिवजी के तीसरे पुत्र, जिनकी आज भी पूरे दक्षिण भारत में विशेष महत्ता है। तमिलनाडु में भक्त इन्हें भगवान अयप्पा या भगवान अय्यंगर के नाम से भी पुकारते हैं। ये शिवजी और भगवान विष्णु के स्त्री अवतार मोहिनी के पुत्र थे।
भौमा –
वहीं भौमाजी शिवजी के चौथे पुत्र थे। कहा जाता है कि भौमाजी शिवजी के ‘पसीने’ से पैदा हुए थे। दरअसल, कठोर तपस्या में लीन शिवजी के पसीने की बूंद धरती पर गिरा, चूंकि तक शिवजी घोर तपस्या में लीन थे। इसलिए भूमि देवी ने खुद उनके इस पुत्र का पालन-पोषण किया। ठीक इसी तरह उनके पांचवे पुत्र अधंक बताए गए हैं, लेकिन इनका विशेष उल्लेख कहीं नहीं है।
खुजा –
इसके अलावा भोलेनाथ के छठे बेटे का नाम खुजा था। मान्यताओं के अनुसार खुजा धरती से तेज किरणों की तरह निकले थे और सीधे आकाश की ओर निकल गए थे। इनके बारे में कोई विस्तृत वर्णन नहीं मिलता।
जालंधर –
भगवान शिव का ही अंश जालंधर को बताया जाता है। पुराण के अनुसार एक बार भगवान शिव ने अपना तेज समुद्र में फेंक दिया, इससे जालंधर उत्पन्न हुए।
पुत्री अशोक सुंदरी –
शिवजी की पुत्री का नाम अशोक सुंदरी था। कहा जाता है कि मां पार्वती ने शिवजी के तपस्या में रहने के चलते अपने अकेलेपन को खत्म करने के लिए अशोक सुंदरी पुत्री का निर्माण किया था।