परशुराम जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव महू स्थित जानापाव तीर्थ पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान परशुराम की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने जानापाव के धार्मिक महत्व को रेखांकित किया और बताया कि यह स्थान सात पवित्र नदियों का उद्गम स्थल है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम शक्ति, धर्म और न्याय के प्रतीक हैं, जिनकी धनुष विद्या उनका पराक्रम दर्शाती है। सीता स्वयंवर की कथा का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि परशुराम ने तब क्रोध भी किया, लक्ष्मण को चेताया, परंतु भगवान राम के प्रति अगाध स्नेह भी प्रकट किया। उन्होंने सदैव अन्याय और अधर्म के विरुद्ध संघर्ष किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को शासन की दिशा से जोड़ा है। उनका कहना था कि यदि सरकार चलेगी, तो वह धर्म और मूल्यों के मार्ग पर चलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग इस पर आलोचना करते हैं कि एक मुख्यमंत्री धर्म की बातें क्यों करता है, लेकिन यदि हम धर्म और संस्कृति की चिंता नहीं करेंगे तो हमारी परंपराएं कैसे सजीव रहेंगी। हमारी संस्कृति सदैव सभी के कल्याण की कामना करती है। जानापाव की पर्वतश्रृंखला प्रकृति की विशेष कृपा से समृद्ध है, जहां से चंबल सहित कुल सात नदियों का उद्गम होता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जानापाव क्षेत्र का और अधिक विकास किया जाएगा, ताकि इसकी पहचान वैश्विक स्तर पर और मजबूत हो सके।

इस अवसर पर विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि जानापाव क्षेत्र को एक बेहतर सड़क मार्ग की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इस तीर्थ स्थल को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है और अब तक लगभग दस करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विकास कार्य संपन्न हो चुके हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि क्षेत्र में आध्यात्मिक साधना को प्रोत्साहित करने के लिए संस्कृत पाठशाला की स्थापना की योजना है। क्षेत्रीय विकास को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया जा रहा है।