राखी सिर्फ भाई के लिए नहीं! जानें और किस-किस को बांधा जा सकता है यह पवित्र धागा

रक्षाबंधन 2025 में 9 अगस्त को मनाया जाएगा। यह पर्व न केवल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है, बल्कि भगवान, गुरु, सैनिकों और प्रकृति तक से जुड़कर सामाजिक और आध्यात्मिक संबंधों को भी मजबूत करता है।

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Rakshabandhan 2025 : रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत भावनात्मक और पारंपरिक त्योहार है, जो भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुख, समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करती हैं।

बदले में भाई जीवनभर बहन की रक्षा का वचन देते हैं। लेकिन इस पर्व का दायरा केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं है, रक्षाबंधन की परंपराएं अब और भी व्यापक और भावनात्मक रूप ले चुकी हैं।

भगवान को राखी बांधने की आस्था

बहुत-सी बहनें रक्षाबंधन की शुरुआत भगवान को राखी बांधकर करती हैं। भगवान श्रीकृष्ण, शिव या गणेश को राखी बांधना यह दर्शाता है कि व्यक्ति पहले ईश्वर को अपना रक्षक मानता है। यह परंपरा भक्त और भगवान के बीच आत्मिक संबंध और श्रद्धा का प्रतीक है।

जब बहनें बहनों को बांधती हैं राखी

यदि किसी महिला का भाई न हो या वह बहनों के साथ ही पली-बढ़ी हो, तो वह अपनी बड़ी बहन को राखी बांधती है। यह भाव इस बात का संकेत होता है कि प्रेम, साथ और जिम्मेदारी केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं है, बल्कि बहनों के बीच भी रक्षाबंधन का वही भाव मौजूद होता है।

गुरु और शिक्षक को भी बांधी जाती है राखी

भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान के समान माना गया है। जब शिष्य अपने गुरु को राखी बांधते हैं, तो यह केवल एक रस्म नहीं, बल्कि सेवा, सम्मान और जीवनभर उनके संरक्षण में रहने की भावना का प्रतीक बन जाता है। यह एक गहरा आध्यात्मिक संबंध दर्शाता है।

साधु-संतों और पुजारियों को राखी

वृंदावन, मथुरा और हरिद्वार जैसे तीर्थस्थलों में यह परंपरा देखने को मिलती है कि महिलाएं साधु-संतों या मंदिरों के पुजारियों को राखी बांधती हैं। यह धार्मिक विश्वास और अध्यात्मिक समर्पण की एक सुंदर अभिव्यक्ति है।

समाज के रक्षकों को राखी: सैनिक और पुलिस

रक्षाबंधन के मौके पर देश की बहनें उन वीर जवानों को भी राखी बांधती हैं जो सीमाओं पर देश की रक्षा कर रहे हैं। भारतीय सेना, पुलिस या अर्धसैनिक बलों के जवानों को राखी भेजकर या खुद जाकर बांधकर बहनें यह दर्शाती हैं कि वे इन रक्षकों को अपना भाई मानती हैं। यह राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा और समाज के प्रति सम्मान का संदेश देता है।

पेड़ों को राखी 

आज के समय में पर्यावरण संरक्षण भी एक सामाजिक जिम्मेदारी बन चुका है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए लोग पेड़ों को राखी बांधते हैं, यह एक संकल्प होता है कि हम प्रकृति की रक्षा करेंगे और धरती को हरा-भरा बनाए रखेंगे। यह परंपरा रिश्तों की सीमाओं को मानव से प्रकृति तक विस्तार देती है।

Rakshabandhan 2025 में कब है?

पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन का पर्व 2025 में 9 अगस्त को मनाया जाएगा। सावन मास की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त की रात 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त की रात 1:24 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार 9 अगस्त को राखी बांधना शुभ रहेगा।

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