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अचंभित कर देगा यह मंदिर, यहां दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग, वैज्ञानिक भी हैं हैरान

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By Swati BisenPublished On: June 4, 2025
Rajasthan Achaleshwar Mahadev Temple

भारत की भूमि सदियों पुरानी संस्कृति, धार्मिक स्थलों और चमत्कारिक घटनाओं के लिए जानी जाती है। ऐसे ही रहस्यमयी और प्राचीन मंदिरों में से एक है अचलेश्वर महादेव मंदिर, जो राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित है।

यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक गरिमा और यहां स्थापित रहस्यमय शिवलिंग के कारण श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए अत्यंत आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंदिर की एक अनोखी विशेषता इसे अन्य मंदिरों से अलग करती है, यहां स्थित शिवलिंग दिन में तीन बार अलग-अलग रंगों में बदलता है।

तीन बार बदलता है शिवलिंग अपना रंग

अचंभित कर देगा यह मंदिर, यहां दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग, वैज्ञानिक भी हैं हैरान

अचलेश्वर महादेव मंदिर का शिवलिंग न सिर्फ श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि रहस्य और चमत्कार का भी परिचायक है। स्थानीय लोगों और दर्शनार्थियों का कहना है कि शिवलिंग सुबह के समय लाल रंग का होता है, दोपहर में यह केसरिया रूप ले लेता है और जैसे-जैसे सूर्य अस्त की ओर बढ़ता है, शाम को इसका रंग सांवला हो जाता है। यह चमत्कारिक रंग परिवर्तन किसी दैवी घटना से कम नहीं माना जाता, और यही कारण है कि दूर-दराज से हजारों लोग इस अद्भुत दृश्य को देखने मंदिर पहुंचते हैं।

विज्ञान के लिए अब भी यह एक पहेली

इस अद्वितीय रंग परिवर्तन को लेकर वैज्ञानिक समुदाय भी चकित है। समय-समय पर कई शोधकर्ताओं ने इसके पीछे वैज्ञानिक कारण जानने की कोशिश की, परंतु अब तक कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं मिल पाया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सूर्य की किरणों की दिशा और पत्थर की प्रकृति के चलते हो सकता है, लेकिन यह केवल एक अनुमान है, प्रमाणित तथ्य नहीं। इस रहस्य को आज भी विज्ञान पूरी तरह उजागर नहीं कर पाया है।

हजार वर्षों पुराना इतिहास हैं इस मंदिर का

अचलेश्वर महादेव मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर भी माना जाता है। स्थानीय मान्यताओं और किंवदंतियों के अनुसार, यह मंदिर लगभग 1000 वर्षों से भी अधिक पुराना है। इसकी प्राचीन वास्तुकला और शांत वातावरण यहां आने वाले हर भक्त को आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कराता है। नियमित रूप से यहां विविध धार्मिक अनुष्ठान, अभिषेक और पूजाएं की जाती हैं, जो मंदिर की परंपरा को आज भी जीवित रखे हुए हैं।

भक्तों की लगी रहती हैं भीड़

यह मंदिर न केवल एक रहस्य का केंद्र है, बल्कि आस्था और विश्वास का भी एक जीवंत प्रतीक है। दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु मानते हैं कि अचलेश्वर महादेव अपनी महिमा से सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। विशेषकर सोमवार के दिन, जो भगवान शिव को समर्पित है, मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। भक्तजन पूरे विश्वास और श्रद्धा से भगवान शिव की आराधना करते हैं, और यही भक्ति इस मंदिर को एक जीवंत आस्था केंद्र बनाती है।