नवरात्री का दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना कर पढ़े ये मंत्र और आरती

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By Ayushi JainPublished On: April 14, 2021

आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। ऐसे में आज मां दुर्गा के दूसरे स्वरुप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इस वजह से उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में माला है और देवी ने बाएं हाथ में कमंडल धारण किया है। इसलिए जो साधक विधि विधान से देवी के इस स्वरूप की पूजा अर्चना करता है, उसकी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है। आज हम आपको मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और उनके मंत्र बताने जा रहे है। इसके उच्चारण से आपको मन की शनि के साथ धन प्राप्ति भी होगी। तो चलिए जानते हैं –


मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र –

या देवी सर्वभू‍तेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां ब्रह्मचारिणी की आरती –

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो ​तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

पूजा विधि –

जैसा की आप सभी जानते है कि चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म और स्नान के बाद सफेद या पीले रंग का कपड़े धारण करें। फिर पूजा घर की साफ सफाई कर नवरात्र के लिए स्थापित किए गए कलश में मां ब्रह्मचारिणी का आह्वान करें। बता दे, मां को सफ़ेद रंग की पूजन सामग्री मिश्री, शक्कर या पंचामृत अर्पित करना चाहिए। उसके बाद घी का दिया जलाकर मां की प्रार्थना करें। फिर दूध, दही, चीनी, घी और शहद का घोल बनाकर मां को स्नान करवाएं। फिर उसके बाद मां की पूजा करें और उन्हें पुष्प, रोली, चन्दन और अक्षत अर्पित करें। बाएं हाथ से आचमन लेकर दाएं हाथ पर लेकर इसके ग्रहण करें। हाथ में सुपारी और पान लेकर संकल्प लें। नवरात्र के लिए स्थापित कलश और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें।