बेटियों को लेकर हर माता-पिता का यही सपना होता है कि जब वह शादी के बाद अपने घर जाएं तो अपने परिवार में खूब खुश रहें। उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो और ससुराल वालों से उन्हें खूब प्यार मिले। वे हमेशा यही चाहते हैं कि उनकी बेटी को एक प्रेम करने वाला पति और स्नेह देने वाला ससुराल मिले। लेकिन कई बार जाने-अनजाने में हम ही कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं कि उनका जीवन दुख से भर जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि बेटियों को विदाई के वक्त कौन सी 4 चीजें हैं जो भूलकर भी नहीं देनी चाहिए। इन चीजों को जिक्र खुद सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा जी अपने प्रवचन में कर चुके हैं।
झाड़ू कभी न करें भेंट
ऐसा कहते हैं कि झाड़ू में स्वयं माता लक्ष्मी का वास होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेटी को विदाई के समय झाड़ू कभी नहीं देनी चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से बेटी का घर-संसार कभी सुखी नहीं रहती है। उसका जीवन हमेशा दुखों से भरा रहेगा। इसलिए शादी के बाद विदाई में ये एक चीज कभी न दें।
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अचार
विदाई के वक्त बेटियों के साथ अचार भूलकर भी न रखें। ऐसा माना जाता है कि बेटियों को अचार देने से नए रिश्ते बनने से पहले ही उनमें खटास आ जाती है। अचार की प्रकृति खट्टी होने की वजह से ऐसा माना जाता है। विदाई के वक्त उनके साथ खाने-पीने की अन्य चीजें रख सकते हैं, लेकिन अचार भूलकर भी न रखें।
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रिश्तों को बिगाड़ेगी छलनी
विदाई के समय बेटी को भूलकर भी आटे की छलनी नहीं देनी चाहिए। मकर संक्रांति के समय माताएं अपनी बेटी को 13 चीजें भेंट करती हैं। कुछ माताएं इसमें आटे की छलनी भी भेंट कर देती हैं, जो कि सही नहीं है. बेटियों को आटे की छलनी भेंट करने से उनका सुखी जीवन प्रभावित हो सकता है। इसलिए ये गलती कभी न करें।
नमक
भूलकर भी बेटी को विदा करते समय उसे नमक नहीं देना चाहिए। नमक देने का अर्थ है कि आप नए रिश्तों में बेटी को सामंजस्य बैठाने से रोक रहे हैं। इससे यह संदेश जाता है कि आप चाहते हैं कि बेटी केवल मायके के रिश्तों को ही निभाए। नए रिश्तों में मिठास बनी रहे इसलिए बेटियों को विदाई के वक्त मीठी वस्तुएं दी जाती हैं। बेहतर होगा कि आप उन्हें नमक की बजाए मिठाइयां देकर विदा करें।