Navratri Special : चमत्कारी है माता की ये 9 ज्वालाएं, अकबर और अंग्रेजों ने की थी ज्वाला बुझाने की कोशिश, लेकिन रहे थे नाकाम

pallavi_sharma
Published:

51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ को ज्वालामुखी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कालीधर पहाड़ी पर मौजूद है। कुछ लोग तो इसे जाता वाली मां का मंदिर के रूप में भी जानते हैं। मंदिर को खोजने का श्रेय पांडवों को प्राप्त है। माना जाता है कि इसी जगह पर माता सती के अंगों में से उनकी जीभ गिरी थी। आइये बात करते है इस मंदिर से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातो के बारे में जिनको सुनना अपने आप में अद्भुत है

Navratri Special : चमत्कारी है माता की ये 9 ज्वालाएं, अकबर और अंग्रेजों ने की थी ज्वाला बुझाने की कोशिश, लेकिन रहे थे नाकाम

मां ज्वाला देवी मंदिर का पौराणिक इतिहास

हिमाचल के इस मंदिर में सदियों से 9 प्राकृतिक ज्वालाएं जल रही हैं, इनका रहस्य जानने के लिए पिछले कई सालों से वैज्ञानिक रिसर्च करने में जुटे हुए हैं, लेकिन नौ किमी खुदाई करने के बाद आज तक उन्हें वो जगह नहीं मिल पाई, जहां प्राकृतिक गैस निकलती हो। पृथ्वी से नौ अलग-अलग जगहों से ज्वाला निकल रही है, जिसके ऊपर मंदिर बना दिया गया है। इन नौ ज्योतियों को अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विंध्यावासनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका, अंजीदेवी, महाकाली के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर निर्माण सबसे पहले राजा भूमि चंद द्वारा करवाया गया था। बाद में महाराजा रणजीत सिंह और राजा संसारचंद ने 1835 में इस मंदिर का निर्माण पूरा किया था।

Navratri Special : चमत्कारी है माता की ये 9 ज्वालाएं, अकबर और अंग्रेजों ने की थी ज्वाला बुझाने की कोशिश, लेकिन रहे थे नाकाम

अकबर ने लो बुझाने के किये थे कई प्रयास

इतिहास इस बात का भी गवाह है कि मुगल सम्राट अकबर लाख कोशिशों के बाद भी इसे बुझाने में नाकाम रहे थे। मंदिर में जलती हुई ज्वालाओं को देखकर अकबर के मन में कई शंकाएं आई थी। उन्होंने लौ को बुझाने के लिए कई प्रयास किए थे, जैसे ज्वालाओं के ऊपर पानी डालने के आदेश देना, नहर को लौ की तरफ घुमा देना। लेकिन ये सभी कोशिशें असफल रही थी। देवी के इस चमत्कार को देखने के बाद वे झुक गए और खुश होकर उन्होंने वहां स्वर्ण छत्र चढ़ाया था। हालांकि, देवी मां ने उनकी भेंट स्वीकार नहीं की और सोने का छत्र गिर गया और किसी अन्य धातु में बदल गया। यह धातु क्या है यह आज तक किसी को पता नहीं चल पाया है।

Navratri Special : चमत्कारी है माता की ये 9 ज्वालाएं, अकबर और अंग्रेजों ने की थी ज्वाला बुझाने की कोशिश, लेकिन रहे थे नाकाम