मनुष्य जन्म से नहीं, कर्म से महान बनता है – आचार्य डॉ लोकेशजी

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By Ayushi JainPublished On: August 27, 2020

नई दिल्ली : स्वस्थ और स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत आयोजित जागरूकता रैली में भाग ले रहे स्वास्थ्य और सफाई से जुड़े कोरोना योद्धाओ को अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेशजी ने कहा कि मनुष्य जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है। उन्होने कहा किसी जाति, कुल, धर्म, संप्रदाय में जन्म लेने से मनुष्य के कर्म व भाग्य तय नहीं होते बल्कि जिनके कर्म अच्छे है वही श्रेष्ठ है। सत्कर्मों से सद-भाग्य का निर्माण होता है। साथ ही, उन्होने कहा कि जातिवादी जुनून और सांप्रदायिक कट्टरता लोकतन्त्र को कमजोर बनाती हैं।


मनुष्य जन्म से नहीं, कर्म से महान बनता है – आचार्य डॉ लोकेशजी

आचार्य लोकेशजी ने कहा कि हमने पाश्चात्य देशों की अनेक विकृतियों को तो अपना लिया किन्तु स्वच्छता, समयबद्धता, अनुशासन जैसी अच्छी आदतों को नहीं अपना पाये। उन्होने कहा हमारे यहाँ अनेक समस्याओ के मूल में पोल्यूशन, पोपुलेशन, करप्शन व अनुशासनहीनता का बाहुल्य है जिसे जड़ से खत्म करने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होने स्वास्थ्य जागरूकता रैली की सराहना करते हुए कहा कि इससे लोगो में स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ेगी । आचार्य लोकेश ने कहा इन्हीं स्वास्थ्य और सफाई कर्मचारियों कि बदौलत हम स्वस्थ और खुशहाल रहते हैं।

मनुष्य जन्म से नहीं, कर्म से महान बनता है – आचार्य डॉ लोकेशजी

आचार्य लोकेशजी ने कोरोना योद्धाओ को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना को पूरी तरह से हराने के लिए स्वच्छता, सतर्कता व सकारात्मकता को जीवन में स्थान दें। उन्होने कहा कि अनावश्यक रूप से भयभीत होना या नकारात्मक विचारों से ग्रसित होना समस्या को बढ़ावा देना होगा। कोविड-19 कोई असाध्य बीमारी नहीं है इसे हम अभय और नीडर रहते हुए अपनी दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता, सावधानी और सकारात्मकता को अपनाकर कोरोना को आसानी से हरा सकते हैं ।