आज गणगौर है। राजस्थानियों का एक बड़ा त्यौहार। मालवा और निमाड़ में भी गणगौर बहुत उत्साह से मनाया जाता है। इसमें गणगौर यानी पार्वती जी की पूजा होती है और ईसरजी यानी शिवजी साथ विराजे होते हैं। पूजा खत्म होने के पश्चात महिलाएं एक दूसरे को व्रत कथाएं सुनाती हैं। फिर हंसी ठिठोली भी करती हैं। पिछले जमाने में जब स्त्रियां अपने पति का नाम नहीं बोलती थी। तब साथ में पूजन करने आई सखियां उनसे पति का नाम बुलवाकर ही छोड़ती थी। कई बार तो सखिया आपस में एक दूसरे को यह भी कहती कि अपने पति का नाम जरा दोहे में गूंथ कर बोलो। जैसे किन्ही राजेंद्र जी की पत्नी कहेंगी “बगीचे में क्यारी, मैं राजू जी की प्यारी।”यह कह कर शर्म से लाल हो जाएंगी और मुंह में पल्लू ढूंसकर सखियों के संग संग हसेंगी। मैं इसे एस्ट्रोजन बॉन्डिंग कहूंगी। हालांकि इस बार कोरोना के चलते पूजा रुकी हुई है। सब अपने घर में ही हाथ जोड़ ले रहे हैं। यही उचित है।
धर्मव्रत / त्यौहार

राजस्थानियों का बड़ा त्यौहार गणगौर, जानें महत्व

By Ayushi JainPublished On: April 15, 2021
