महाकुंभ का भव्य समापन हो चुका है, और इसके प्रभाव से जुड़े विभिन्न आंकड़े सामने आ रहे हैं। इसी क्रम में GDP को लेकर एक बड़ा दावा किया गया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. आनंदनाथन ने कहा कि महाकुंभ भारत को वित्तीय वर्ष 2025-26 में 6.5% GDP वृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचने में सहायता करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि कुंभ मेला देश में खर्च को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
विशेष रूप से मार्च तिमाही में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.2% तक पहुंच गई है, जो पिछले तिमाही के 5.6% से अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोग में सुधार और सरकार की बढ़ी हुई खर्च नीति का परिणाम है।
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जानें बजट की कुल राशि
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के लिए लगभग 12,670 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार दोनों का वित्तीय योगदान शामिल था। इस भव्य आयोजन में करोड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। प्रशासनिक अनुमानों के अनुसार, महाकुंभ में करीब 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना थी, जो देश की कुल जनसंख्या के एक चौथाई के बराबर थी। इस दौरान होने वाली खरीदारी और आर्थिक लेन-देन से लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद जताई गई थी। हालांकि, वास्तविक आंकड़ों के अनुसार, महाकुंभ में अनुमान से अधिक 63 करोड़ श्रद्धालु शामिल हुए।
आध्यात्मिकता के साथ संबंधों की डोर भी हुई मजबूत
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व्यापार विशेषज्ञ और कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण गांधीवाल के अनुसार, महाकुंभ ने आर्थिक गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि की है। अनुमान के मुताबिक, इसका कुल आर्थिक प्रभाव 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है, जिससे यह भारत के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में से एक बन गया है। उन्होंने कहा कि इस भव्य आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को सशक्त किया है, बल्कि व्यापार और आस्था के बीच के संबंधों को भी मजबूत किया है।
महाकुंभ के दौरान विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें होटल, खाद्य एवं पेय पदार्थ, यात्रा और धार्मिक वस्तुओं की मांग में इजाफा शामिल है। इसके अलावा, हस्तशिल्प, वस्त्र, स्वास्थ्य, कला और मीडिया जैसे क्षेत्रों में भी तेजी आई। प्रयागराज में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 7500 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसमें से 1500 करोड़ रुपये विशेष रूप से महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर खर्च किए गए।