इन लोगों के पैर छूकर न लें आशीर्वाद, वरना बन जाएंगे पाप के भागी

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By Swati BisenPublished On: August 12, 2025
Feet Touching Rules

Feet Touching Rules: हिंदू धर्म में बड़े-बुजुर्गों के पैर छूना सम्मान और आदर का प्रतीक माना जाता है। यह परंपरा हमारी संस्कृति और संस्कारों में गहराई से जुड़ी हुई है। गुरु, माता-पिता और श्रेष्ठजनों के चरण स्पर्श से आशीर्वाद प्राप्त करना, भक्ति और समर्पण की निशानी है।

सनातन धर्म में मां और गुरु के चरण छूना उनके प्रति आस्था, श्रद्धा और कृतज्ञता का प्रतीक है। लेकिन क्या आप जानते हैं, हर किसी के पैर छूना शुभ नहीं होता? कुछ स्थितियां और रिश्ते ऐसे होते हैं, जहां पैर छूने से आशीर्वाद नहीं, बल्कि अशुभ फल मिलता है। आइए जानते हैं वे परिस्थितियां।

पिता और बेटियों का चरण स्पर्श

ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी पिता को अपनी बेटी, भतीजी, पोती या नातिन से पैर नहीं छुआने चाहिए। यह सब कन्याएं देवी स्वरूप मानी जाती हैं और भारतीय संस्कृति में पूजनीय हैं। उनके चरण स्पर्श को स्वीकार करना पाप का कारण बन सकता है, क्योंकि यह उनके दिव्य स्वरूप का अनादर माना जाता है।

मामा और भांजे-भांजी का चरण स्पर्श

आजकल मामा और भांजे-भांजी के रिश्ते में दोस्ताना भाव भी देखने को मिलता है, लेकिन परंपरा के अनुसार, भांजा-भांजी को मामा-मामी के पैर नहीं छूने चाहिए। शास्त्रों में भांजा-भांजी को पूजनीय माना गया है और उनके चरण स्पर्श से मामा-मामी को पाप लग सकता है।

सोए हुए व्यक्ति के पैर छूना

अगर कोई व्यक्ति सो रहा हो या लेटा हो, तो उसके पैर नहीं छूने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से उस व्यक्ति की आयु घट सकती है। वैदिक शास्त्रों में कहा गया है कि केवल मृत व्यक्ति के ही लेटे हुए अवस्था में पैर छूना उचित है। जीवित व्यक्ति को इस स्थिति में पैर छूना अशुभ माना जाता है।

मंदिर में पैर छूना

मंदिर में भगवान से बढ़कर कोई नहीं होता। इसलिए यदि मंदिर में आपको कोई बड़ा या सम्माननीय व्यक्ति मिल जाए, तो पहले भगवान को प्रणाम करें और फिर उनसे आशीर्वाद लें। भगवान के सामने किसी के पैर छूना उनके सम्मान में कमी और भगवान का अपमान माना जाता है, जिससे शुभ के बजाय अशुभ फल मिल सकता है।

श्मशान से लौटे व्यक्ति

शास्त्रों में कहा गया है कि अंतिम संस्कार से लौटने के तुरंत बाद किसी को भी अपने पैर नहीं छूने देना चाहिए। चाहे सामने वाला व्यक्ति आपसे छोटा हो या सम्मान देने के उद्देश्य से ऐसा कर रहा हो, यह अशुभ माना जाता है। श्मशान घाट में सभी मनुष्य समान होते हैं और वहां की नकारात्मक ऊर्जा आपके साथ लौट सकती है। इसलिए शुद्धिकरण से पहले चरण स्पर्श से बचना चाहिए।

Disclaimer : यहां दी गई सारी जानकारी केवल सामान्य सूचना पर आधारित है। किसी भी सूचना के सत्य और सटीक होने का दावा Ghamasan.com नहीं करता।