Ashwin Month : हिंदू पंचांग में आश्विन महीना ख़ास होता है। भाद्रपद के बाद इस महीने की शुरुआत होती है। आमतौर पर यह सितंबर अक्टूबर में पड़ता है।
इस साल भाद्रपद पूर्णिमा 7 सितंबर को है और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा। इसके अगले दिन से आश्विन मास की शुरुआत हो जाएगी।
काया है धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं में आश्विन मास का बेहद महत्व है। आश्विन मास की शुरुआत पितृपक्ष से होती है। यह 15 दिन तक रहता है। जिसमें पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है।
2 अक्टूबर को दशहरा
इसके बाद 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। जिनमें मां दुर्गा की पूजा गरबा रास और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। 2 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयदशमी मनाया जाएगा। जिसमें रावण दहन किया जाएगा। ऐसे में इस महीने की धार्मिक महत्ता काफी अधिक मानी गई है।
आश्विन मास 2025 की शुरुआत 8 सितंबर से हो रही है जबकि इसका समापन 7 अक्टूबर 2025 यानी आश्विन पूर्णिमा पर होगा।
आश्विन मास में क्या करें
- पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण अवश्य करें।
- जरूरतमंदों को दान पुण्य करें।
- घर के साफ सफाई और पवित्रता बनाए रखें।
- नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- मां दुर्गा की पूजा और उपासना करें।
आश्विन मास में क्या ना करें
- इस पवित्र महीने में मांस-मदिरा का सेवन न करें।
- लहसुन, प्याज, करेला, सफेद तिल, दूध, मूली, सरसों का साग, मसूर की दाल, सत्तू और नमक का सेवन न करें.
- किसी को भी बुरा भला कहने से बचे
- नकारात्मक विचार मन में ना लाएं।