पहलगाम हमले के बाद वैष्णो देवी यात्रा पर छाया संकट, मां का दरबार हुआ वीरान, घटी श्रद्धालुओं की संख्या

Author Picture
By Abhishek SinghPublished On: April 29, 2025

पिछले सप्ताह कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से मां वैष्णो देवी की यात्रा में निरंतर गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, पिछले सप्ताह तक जहां रोजाना 30,000 से 35,000 श्रद्धालु आधार शिविर कटड़ा पहुंच रहे थे, वहीं अब श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद वैष्णो देवी यात्रा पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटकर 12,000 से 15,000 के आसपास रह गई है। स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि हालात और बिगड़ सकते हैं, क्योंकि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते श्रद्धालु अब यात्रा को लेकर असमंजस और भय की स्थिति में हैं।

यात्राएं रद्द करवा रहे लोग, होटल व ट्रैवल एजेंसियों पर असर

पहलगाम हमले के बाद वैष्णो देवी यात्रा पर छाया संकट, मां का दरबार हुआ वीरान, घटी श्रद्धालुओं की संख्या

कटड़ा होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रमुख राकेश वजीर ने बताया कि मां वैष्णो देवी यात्रा में आई गिरावट से होटल उद्योग पर गहरा असर पड़ा है। अब तक करीब 60% से 70% श्रद्धालुओं ने अपनी एडवांस बुकिंग रद्द करवा दी है, और बुकिंग निरस्तीकरण का यह क्रम लगातार जारी है।

श्रद्धालुओं को लगातार यह जानकारी दी जा रही है कि जम्मू संभाग में स्थिति पूरी तरह सामान्य है और मां वैष्णो देवी की यात्रा पूरी तरह सुरक्षित मानी जा रही है। हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच बने तनावपूर्ण माहौल ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि लोग फिलहाल यात्रा से बचने लगे हैं।

गिने-चुने श्रद्धालु ही आ रहे नज़र

मां वैष्णो देवी यात्रा में आई कमी के कारण मां वैष्णो देवी भवन, यात्रा मार्ग और आधार शिविर कटड़ा में सन्नाटा छा गया है, जहां अब केवल कुछ ही श्रद्धालु दिखाई दे रहे हैं। वहीं, श्रद्धालु लगातार अपनी अग्रिम बुकिंग रद्द कर रहे हैं, जिससे यात्रा पर जाने वाले लोगों की संख्या में और कमी आ रही है।

श्रमिकों का पलायन, फिर से घर लौटने की तैयारी

दूसरी ओर, भवन मार्ग पर घोड़ा, पिट्ठू और पालकी जैसे कार्य करने वाले लगभग 30% से 40% मजदूर अपने घर लौट चुके हैं। यात्रा में लगातार गिरावट के साथ, इन मजदूरों का अपने घरों की ओर लौटने का सिलसिला जारी है।

घोड़ा और पिट्ठू चालकों की स्थिति पर एक नजर

जिला रियासी के माहौर निवासी घोड़ा चालक अब्दुल नजीर का कहना है कि वह अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए भवन मार्ग पर निरंतर काम करता आ रहा है और इसके लिए उसने एक कमरा किराए पर लिया है। हालांकि, मां वैष्णो देवी यात्रा में गिरावट के कारण अब काम मिलना मुश्किल हो गया है, जिससे वह अब अपने घर लौटने का फैसला कर रहा है।

रामबन के पिट्ठू मजदूर रंजीत का कहना है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मां वैष्णो देवी यात्रा में तेजी से गिरावट आई है, और यह गिरावट लगातार जारी है। इसके कारण भवन मार्ग पर काम करना अब मुश्किल हो गया है, इसलिए वह अपने घर लौटने का निर्णय ले रहा है ताकि वहां खेती-बाड़ी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके।