2022 Sankashti Chaturthi : फाल्गुन मास की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ कहा जाता है। इसके अलावा इसको संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) और माघी चतुर्थी के नाम से भी जाता हैं। इस साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी आज मनाई जा रही है। इस दिन निर्जला व्रत रखते हुए गणेश जी (Ganesh Ji) की पूजा की जाती है और तिलकुट भोग में अर्पित करते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती हैं।
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कहा जाता है कि इस दिन भगवन गणेश की मन से पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते है। हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक, गणेश बुद्धि और चातुर्य के देवता माने गए हैं। उनकी उपासना से बुद्धि अत्यंत तीव्र होती है तथा विद्या की प्राप्ति आसानी से हो जाती है। संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाना चाहिए।
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संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि शनिवार रात्रि 09:56 बजे से रविवार रात्रि 09:05 तक रहेगी। चंद्रोदय का समय 09:50 बजे।
ये है पूजा विधि
आपको बता दे, इस चतुर्थी के दिन स्नान करने बाद पूजाघर की साफ सफाई करें। वहीं आसन पर बैठकर व्रत का संकल्प लें और पूजा शुरू करे। पूजा में गणेश जी को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित कर ॐ ‘गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद केले के पत्ते पर रोली से चौक बनाएं। चौक के अग्र भाग पर घी का दीपक रखें। पूजा के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें और व्रत का पारण करें।
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